देहरादून, 21 नवंबर। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी में संविदा के आधार पर 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मंजूरी राज्य सरकार ने दे दी है। आठ विभिन्न संकायों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से मेडिकल कॉलेज तथा कैंसर संस्थान में शैक्षणिक गतिविधियों में व्यापक सुधार होगा साथ ही एमबीबीएस छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण भी मिलेगा।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों की नियुक्ति के लिये हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित साक्षात्कार कमेटी ने 11 और विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन किया है। वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से चयनित इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को राज्य सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी में तैनाती की मंजूरी दे दी है। जिसमें एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और नौ असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल है। संविदा के आधार पर नियुक्ति इन संकाय संदस्यों में आब्स एंड गायनी विभाग में प्रोफेसर पद पर डॉ. महिमा रानी, एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. सुरभि गुप्ता और असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. जूहीं चॉदना की नियुक्ति की गई है। इसी प्रकार ई.एन.टी विभाग में डॉ. शिवानी गुप्ता, पैथोलॉजी विभाग में डॉ प्रिया बी, आर्थोपीडिक्स में डॉ. कृष्ण देव सिंह यादव, बायोकैमिस्ट्री में डॉ. रविता कुमारी, जनरल मेडिसिन में डॉ. जहीन ईलियास व डॉ. स्वाती चमोली, रेडियोडायग्नोसिस में डॉ. प्रगति वर्मा तथा रेडिएशन फिजिक्स/मेडिकल फिजिसिस्ट विभाग में डॉ. नागेन्द्र सिंह राव की नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर की गई है। इन सभी चयनित विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति आगामी तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये की गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी में संकाय सदस्यों की नियुक्ति से एमबीबीएस छात्रों की शिक्षण संबंधी दिक्कते दूर होगी साथ ही उन्हें बेहतर प्रशिक्षण भी मिलेगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों में मरीजों को भी बेतहर उपचार मिलेगा।
डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी में 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति कर दी गई है। सरकार का उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में शत-प्रतिशत फैकल्टी की तैनाती सुनिश्चित करना है, और इस दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है।