मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सेवा का अधिकार एवं ई-डिस्ट्रिक पोर्टल की प्रगति की समीक्षा के दौरान जनता के लिए ‘अपणि सरकार’ पोर्टल बनाने के निर्देश दिए हैं। अब सभी ई-डिस्ट्रक्ट की सेवाएं ‘अपणि सरकार’ पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पोर्टल आईटीडीए एवं एनआईसी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सेवा के अधिकार के अन्तर्गत सभी 243 नोटिफाइड सेवाओं को तीन माह के अन्दर ऑनलाइन किया जाए, जिससे जनता घर बैठे ही इन सेवाओं का लाभ उठा सके। सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को इसके लिए नोडल अफसर बनाया जाए। सेवा के अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में नोडल अधिकारियों की विभागवार बैठक होगी। सेवा के अधिकार के अन्तर्गत सभी नोटिफाइड सेवाओं की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रतिमाह एवं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रति दो माह में प्रगति की समीक्षा होगी। दोनों मंडलों के कमिश्नर भी 15 दिन में अपने मंडलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सेवा का अधिकार एवं ई-डिस्ट्रिक की समीक्षा करेंगे।उन्होंने कहा कि जो सेवाएं अभी अधिसूचित नहीं हैं, उन सेवाओं को भी सेवा के अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाए। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि यदि किसी प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज में जो आपत्तियां हैं, उनका उल्लेख एक बार में ही हो जाए। इससे जनता के समय की बचत भी होगी और अनावश्यक परेशानी भी न होगी। नोटिफाइड सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए विभागवार लक्ष्य निर्धारित किया जाए। अधिक उपयोग में आने वाली सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए पहले प्राथमिकता दी जाए। सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत सेवाओं को समय पर डिलीवर न करने वाले विभागों और अधिकारियों को चिह्नित किया जाए। सेवा के अधिकार कार्यालय में मोनेटरिंग डैशबोर्ड बनाया जाए। कोविड-19 के दृष्टिगत अधिक से अधिक नागरिक सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराई जाएं।
इस अवसर पर उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त एस. रामास्वामी, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, सचिव आईटी आरके सुधांशु, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, सचिव, उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग के पंकज नैथानी, एनआईसी के एसआईओ के नारायण, एनआईसी के वैज्ञानिक राजीव लखेड़ा आदि उपस्थित रहे।