उत्तराखंड में स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा वेतन कटौती का विरोध करने पर स्वास्थ्य विभाग ने कटौती बंद करने प्रस्ताव बना लिया है। यह प्रस्ताव स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सरकार को भेज दिया है जिस पर आगामी कैबिनेट बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है। सरकार ने कोरोना संकट से उपजे आर्थिक हालात को देखते हुए हर महीने कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्णय लिया था। बाद में सफाई और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को कटौती से राहत दे दी गई थी। कोरोनाकाल में अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन व फार्मासिस्ट भी कटौती का विरोध कर रहे हैं। इसके विरोध में डॉक्टर-टेक्नीशियनों ने तो आंदोलन भी किया। नर्सों ने कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम दे रखा है।हाल में डॉक्टरों व मुख्यमंत्री के बीच वार्ता में भी यह विषय उठा था। इस दौरान सीएम ने सकारात्मक कार्रवाई भरोसा दिया था। अब स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सरकार को स्वास्थ्य विभाग के सभी संवर्गों की वेतन कटौती बंद करने का प्रस्ताव भेजा है। वित्त के परीक्षण बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों को एक दिन की कटौती से तीन हजार से लेकर आठ हजार रुपये तक का नुकसान हो रहा है। इसी तरह नर्सों, फार्मासिस्टों और टेक्नीशियनों को भी बड़ा नुकसान हो रहा है। कटौती बंद होने के बाद इन सभी संवर्गों को लाभ मिल जाएगा।