जेई ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

कुड़िया,कनीय अभियंता मनोज कुमार सोरेन देवघर के पालाजोरी के निवासी थे। तीन दिन पूर्व वे अपने भाई की शादी में शामिल होने घर गए थे। जहां से वे गुरुवार को वापस लौटे थे। इधर घटना की जानकारी पाकर पाकुड़िया पंहुंचे इनके माता, पिता, पत्नी एवं भाई-बहन का रो रोकर बुरा हाल था। पिता विशेश्वर सोरेन, ममेरा भाई सुरेश सोरेन सहित पत्नी का रो-रो कर हाल बुरा था। मौके पर मौजूद लोग बार-बार परिजन को ढांढ़स बंधाने में जुटे हुए थे। इनका एक छह माह का पुत्र भी है। बहरहाल घटना से शुक्रवार को प्रखंड परिसर का हाल पूरी तरह से गमगीन दिखा। सभी शोकाकुल परिजनों को ढांढ़स बंधाने में लगे रहे।पाकुड़िया प्रखंड में कार्यरत मनरेगा के कनीय अभियंता मनोज सोरेन (31) ने गुरुवार की देर रात प्रखंड परिसर स्थित अपने सरकारी आवास में पंखे में रस्सी से लटककर आत्महत्या कर ली।

घटना की जानकारी मिलते ही बीड़ीओ मिथिलेश कुमार चौधरी ने मामले की सूचना पाकुड़िया थाना प्रभारी को दी। सूचना मिलते ही पुलिस रात में ही जेई के आवास पहुंची। साथ ही परिजनों के आने तक उनके आवास के बाहर चौकीदारों की तैनाती कर दी। सुबह 11 बजे परिजन एवं बीडीओ की उपस्थिति में थाना प्रभारी ब्रजकिशोर सिंह ने जवानों के सहयोग से आवास का ताला तोड़कर शव को फंदे से उतारा। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सोनाजोड़ी सदर अस्पताल भेज दिया गया है। थाना प्रभारी बीके सिंह ने बताया कि मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट बनायी जा रही है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं बीडीओ ने बताया कि इनपर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था। गुरुवार को ही ये छुट्टी से वापस आए थे। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है ।बीडीओ के अनुसार मनरेगा जेई मनोज सोरेन ने फांसी लगाने से पहले रात करीब 11 बजे अपने छोटे भाई को फोन किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी तबीयत खराब है। थोड़ी बात के बाद फोन काट दिया। इसके एक घंटे बाद रात करीब 12 बजे भाई ने उनके मोबाइल ने फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। तब भाई ने वहीं के रहनेवाले कर्मचारी के फोन का मनोज का हाल लेने को कहा। कर्मचारी जेई के घर पहुंचा तो देखा कि अंदर से दरवजा बंद है। तब उसने खिड़की से झांक कर देखा तो मनोज फंदे से लटके हुए थे। उसने फोन पर मनोज के भाई को जानकारी दी। तब भाई ने बीडीओ को सूचना दी।कनीय अभियंता मनोज कुमार मनरेगा जेई के रूप में पाकुड़िया प्रखंड में लगभग चार साल से कार्यरत थे। वर्तमान में इनके पास पांच पंचायत गनपुरा, खकसा, पालियादाहा, डोमंगड़िया और तेतुलिया का प्रभार था। बताया जाता है कि वे सरल स्वभाव के थे। इधर घटना की जानकारी पाकर प्रखंड के सभी कनीय व सहायक अभियंता एवं प्रखंड कर्मियों ने पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया।

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