देहरादून। वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी राधा रतूड़ी जल्द ही मुख्य सचिव डॉ सुखबीर सिंह संधु की जगह प्रदेश की नौकरशाही की कमान संभालने जा रही है। प्रदेश के मुख्य सचिव का पद सौंपे जाने के लिए उनके नाम पर मुहर लग चुकी है। इसके साथ ही वह इस कुर्सी पर पहुँचने वाली उत्तराखंड की पहली महिला आईएएस अफसर होंगी। वहीं वर्तमान मुख्य सचिव डॉ संधु को प्रधानमंत्री कार्यालय या रक्षा सचिव में से एक ओहदा मिल सकता है। जिसमें रक्षा सचिव बनाए जाने की अधिक उम्मीद जताई जा रही है।हम आपको बताते चलें कि राधा रतूड़ी 1988 बैच की ऑल इंडिया सिविल लिस्ट के लिहाज से प्रदेश की सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। कैडर परिवर्तन के कारण वह अपने बैच 1988 में सुखबीर सिंह से नीचे हो गईं। अभी वह एसीएस सीएम, गृह और तमाम अन्य जिम्मेदारियों को संभाले हुए हैं। 57 वर्षीय राधा रतूड़ी के पास बतौर मुख्य सचिव काम करने के लिए पर्याप्त वक्त रहेगा। उनका रिटायरमेंट 6 मार्च 2024 को है.वहीं सुखबीर सिंह 6 जुलाई 2023 को सेवानिवृत्त होंगे। उनको रक्षा सचिव बनाए जाने की अधिक उम्मीद जताई जा रही है। जिससे उनको सेवा विस्तार मिल जाएगा। कैबिनेट सचिव और सेना-नौसेना-वायु सेना, प्रमुख – वित्त-गृह सचिव, आईबी और रॉ चीफ़ की तरह रक्षा सचिव को भी दो साल का सेवा विस्तार देने का प्रावधान है। कम से कम 2 साल का कार्यकाल भी तय है। ऐसे में सुखबीर सिंह को रक्षा सचिव बनने का फायदा मिल सकता है उम्मीद है कि सुखबीर सिंह का केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की कॉल कभी भी आ सकती है। इसके आते ही राधा नौकरशाही की नई मुखिया बन जाएंगी। वह वरिष्ठ आईएएस होने के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शीर्ष पसंद भी हैं।विवादों से कभी उनका नाता नहीं रहा है। साथ ही वह अपने बर्ताव व सादगी-सरलता के लिए भी लोकप्रिय हैं। बाकी दो अन्य एसीएस मनीषा पंवार (1990 बैच) और आनंदबर्द्धन (1992 बैच) उनसे काफी नीचे हैं ।राधा रतूड़ी के मुख्य सचिव बनते ही उत्तराखंड के लिहाज से दो नए रिकॉर्ड एक साथ बन जाएंगे। वह न सिर्फ पहली महिला मुख्य सचिव होंगी, बल्कि वह और उनके पति अनिल रतूड़ी ( आईपीएस कैडर से रिटायर्ड) ऐसे दंपत्ति होंगे, जो अपने-अपने कैडर में राज्य में टॉप (एचओडी) पर पहुंचेंगे। अनिल डीजीपी पद से रिटायर हो चुके हैं। मुख्य सचिव की कुर्सी पर राधा के बैठते ही नौकरशाही में फिर फेरबदल होगा। उनके पास मौजूद गृह विभाग किसी वरिष्ठ अधिकारी को देना होगा।वरिष्ठता के लिहाज से एसीएस मनीषा पंवार, आनंदबर्द्धन और प्रमुख सचिव आरके सुधांशु हैं। लेकिन मनीषा अस्वस्थ हैं। बाकी दोनों नामों पर मुख्यमंत्री की क्या सहमति सहमति बनती है इसके विषय में कुछ कहा नहीं जा सकता है। ये भी लगभग तय है कि उनको मुख्यमंत्री कार्यालय भी छोड़ना होगा। अभी वह एसीएस (सीएम) भी हैं। सीएस के सीएमओ में रहने की परंपरा आमतौर पर नहीं होती है। बेशक कुछ वक्त के लिए एम रामचंद्रन और सुभाष कुमार ने दोनों जिम्मेदारियाँ संभाली थीं। सीएस की कुर्सी में बदलाव से इतर सीएम आईएएस और आईपीएस के साथ ही पीसीएस- पीपीएस अफसरों में भी बदलाव के मूड में हैं। मुमकिन है कि हफ्तेभर में शीर्ष स्तर पर बदलाव के साथ ही अन्य फेरबदल भी हो जाएंगे। इनमें तकरीबन हर स्तर के नौकरशाह शामिल हो सकते हैं।