पौड़ी। पौड़ी के एक गांव में आतंक का पर्याय बने आदमखोर बाघ को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद किया लेकिन कुछ ग्रामीण इससे भी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने वन कर्मियों के साथ मारपीट करते हुए पिंजरे में बंद गुलदार को जिंदा ही जला डाला। इस घटना ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया और सवाल भी उठने लगे कि जब ग्रामीणों की मांग के अनुरूप आदमखोर को पकड़ा जा चुका था तो ऐसी हरकत करने की जरूरत क्या थी। इस घटना के बाद ग्राम प्रधान समेत कुछ ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।मामला अब तूल पकड़ चुका है और इस संबंध में मंगलवार को वन दरोगा सतीशचंद्र बुआखाल अनुभाग नागदेव रेंज पौड़ी ने थाने पर तहरीर दी कि ग्राम सपलोडी मैं कुछ दिन पूर्व गुलदार द्वारा एक महिला को मार देने के उपरांत वन विभाग द्वारा उक्त गुलदार को पकड़ने हेतु पिंजरा लगाया गया था, जिसमे प्रातः पिंजरे में गुलदार फंस गया।जब वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी पिंजरे में फंसे गुलदार को मौके से रेंज कार्यालय नागदेव ले जाने के लिए ला रहे थे तो ग्राम प्रधान अनिल कुमार ग्रामसभा सपलोडी द्वारा आस-पास के गांव सरणा, कुलमोरी के लगभग 150 पुरुष महिलाओं को एकत्रित कर उक्त पिंजरे में बंद गुलजार को वन विभाग के कर्मचारियों से धक्का-मुक्की कर, छीन कर तथा पिंजरे के ऊपर घास डालकर व पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई तथा उक्त गुलदार को मौके पर जलाकर मार दिया गया।तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान अनिल कुमार, देवेंद्र, हरि सिंह रावत, श्रीमती सरिता देवी, विक्रम सिंह व श्रीमती कैलाश देवी तथा लगभग 150 अज्ञात व्यक्तियों के नाम निवासी गण ग्राम सपलोडी, ग्राम सरणा व ग्राम कलमोरी के विरुद्ध एक राय होकर सरकारी कार्य में बाधा, वन कर्मियों पर हमला कर पिंजरे को छीन कर आग लगाकर गुलदार को मार देने के संबंध में मुकदमा पंजीकृत कराया गया । मामले की जांच प्रभारी पुलिस चौकी पाबौ उपनिरीक्षक श्री दीपक पवार द्वारा की जा रही है।