मामला है टिहरी का जहां टिहरी झील में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप ( पीपीपी ) मोड पर संचालित फ्लोटिंग हट्स में एक पर्यटक को हट्स संचालन कंपनी के कर्मचारी ने पीने का पानी की जगह पर्यटक को पेट्रोल के लिए प्रयोग की गई बोतल में पानी पिला दिया। पानी में पेट्रोल के तत्व होने से पर्यटक की तबीयत बिगड़ गई।पुलिस तक मामला पहुंचने पर संबंधित कंपनी के तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।
क्षेत्र के कोतवाल कमल मोहन भंडारी ने बताया कि दिल्ली निवासी उमेश गुप्ता ने थाने में दी तहरीर देते हुए बताया कि वह टिहरी झील में संचालित फ्लोटिंग हट्स में रह रहे थे, उन्होंने ऑनलाइन हट बुक कराई थी। जिसमें कंपनी को स्लीपिंग व्यवस्था के साथ पानी व चाय आदि की सुविधा भी देनी थी। रात को जब उन्होंने वेटर से पानी मांगा तो वेटर एक बोतल में पानी लेकर आया। लेकिन जैसे ही उन्होंने पानी पिया उसमें मिला पेट्रोल भी उन्होंने पी लिया। जिससे पर्यटक को उल्टी होने साथ ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी। जब उन्होंने इस मामले शिकायत कंपनी के कर्मचारियों से की, तो कंपनी प्रबंधन ने उनकी कोई मदद नहीं की।पर्यटक ने आरोप लगाया कि मनमाने दाम पर टिहरी झील में लोगों से पैसे की वसूली की जा रही है। जिसके एवज में पर्यटकों को सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। शिकायत के बाद बाद पुलिस मौके पर पहुंची। कोतवाल ने बताया कि कंपनी के मैनेजर मानवेंद्र सिंह, दिनेश कुमार और हीरा सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 284 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मुकदमा लिख जाने के बाद दिल्ली से आए पर्यटक अपने घर वापस चले गए।