द फोकस आई ।दुनियाभर में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। भारत में भी कोरोना के नए XE वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के दो हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। कोरोना की बाकी लहरों में बच्चों पर इसका असर ज्यादा गंभीर नहीं था लेकिन अब बच्चे भी इस नए XE वेरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। खासतौर से स्कूल खुलने के बाद इन मामलों में बढ़ोतरी की और आशंका जताई जा रही है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दो हफ्तों में बच्चों में फ्लू जैसे लक्षणों में बढ़ोतरी नजर आई है। ऐसे में अगर बच्चे को कोरोना वायरस होता भी है तो भी माता-पिता को इसके लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बच्चों में कोरोना के लक्षण काफी माइल्ड है और समय पर इलाज करवाने से बच्चे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं। हालांकि इन लक्षणों की समय रहते पहचान जरूरी है।दरअसल XE वेरिएंट को कोविड-19 के पिछले वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को इस नए वेरिएंट के संक्रमण से बचाकर रखा जाए। बच्चों में ये लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। बुखार, नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द, सूखी खांसी, उल्टी आना या फिर लूज मोशन जैसे लक्षण दिखने पर सावधान हो जाएं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से संक्रमित बच्चों को शरीर में सूजन भी हो सकती है, इस सूजन का सामना बच्चों को कई हफ्तों तक करना पड़ सकता है। बच्चों के शरीर में सूजन की इस स्थिति को मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम कहा जाता है। इसके आम लक्षणों में बुखार, गर्दन में दर्द, रैशेज होना, उल्टी या दस्त, आंखें लाल होना, थकान महसूस होना, होंठ फटना, हाथ-पैरों में सूजन, गले में सूजन और पेट दर्द हैं। एक्टपर्ट्स का कहना है कि अगर आपके बच्चे में ऐसा कोई भी लक्षण नजर आता है तो आपको तुंरत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।