पिथौरागढ़ । पेयजल को लेकर लंबे समय से विवादों मेें घिरी ठुलीगाड़ पेयजल योजना से अब नगर के लोगों को शत प्रतिशत शुद्ध पानी मिलेेगा। इसके लिए योजना में पांच करोड़ की लागत से हाइटैक फिल्टरेशन प्लांट लगाया जाएगा।
दो दशक पूर्व नगर की पेयजल जरूरत को पूरी करने के लिए चार करोड़ की लागत से ठुलीगाड़ पेयजल योजना बनाई गई थी। कई छोटे-छोटे गधेरों से बनने वाली ठुलीगाड़ आबादी के बीच से ही बहती है। आबादी के वेस्ट के साथ ही सीवर भी इस गधेरे में बहाया जाता है। गधेरे मेें मेडिकल वेस्ट और सीवर बहाए जाने का मामला पूर्व में सामने आ चुका है। पेयजल की शुद्धता को लेकर नगर की जनता में संशय बना रहता है। योजना में लगा फिल्टेशन प्लांट पुरानी तकनीक का है, जिससे शत प्रतिशत पानी फिल्टर संभव नहीं है।
घाट, आंवलाघाट जैसी बड़ी पेयजल योजनाओं में तकनीकी दिक्कत के दौरान यही योजना नगर की जनता के लिए आक्सीजन का काम करती है। पेयजल निगम ने अब इस योजना को भी अपनी प्राथमिकता में शामिल कर लिया है। पेयजल निगम इस योजना से शत प्रतिशत शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए पांच करोड़ की लागत से नया फिल्टरेशन प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। नए फिल्टरेशन प्लांट से शत प्रतिशत शुद्ध पानी नगर की जनता को उपलब्ध हो सकेगा।
पेयजल निगम के ईई आरएस धर्मशक्तू ने बताया कि ठुलीगाड़ पेयजल योजना में पेयजल की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए पांच करोड़ की लागत से नया फिल्टेशन प्लांट तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव एडीबी (पेयजल) योजना में शामिल है, जिसे जल्द स्वीकृति मिल जाएगी।