75 वर्ष पूर्व एक रानी ने दी थी कुतुब मीनार की सातवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान, जानिए कौन थी वा रानी

नई दिल्ली: दिल्ली का कुतुब मीनार शहर की शान कहा जाता है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि करीब 75 साल पहले कपूरथला की रानी तारा देवी ने अपने 2 पालतू कुत्तों के साथ कुतुबमीनार से कूदकर जान दे दी थी.
चेक गणराज्य की रहने वाली थीं रानी
मूल रूप से चेक गणराज्य की रहने वाली रानी तारा देवी का असली नाम Eugenia Maria Grossupovai था. वे कपूरथला के महाराज जगजीत सिंह की छठी पत्नी थी. उन दोनों की मुलाकात फ्रांस में हुई थी. Maria के माता-पिता एक्टर थे और ईसाई धर्म को मानने वाले थे. मारिया गजब की खूबसूरत थीं. महाराज जगजीत सिंह जब यूरोप पहुंचे तो उनकी सुंदरता पर मोहित हो गए.
शादी के बाद मिला तारा देवी का नाम
महाराज ने मारिया के माता-पिता से बात करके शादी के लिए राजी किया. इसके लिए उन्हें लाखों रुपये की रकम उपहार में दी गई. मां-बाप के राजी होने के बाद Eugenia Maria Grossupovai वर्ष 1942 में महाराज जगजीत सिंह के साथ भारत पहुंची. कपूरथला पहुंचने पर दोनों की सिख रीति-रिवाजों से शादी हो गई. शादी के बाद उनका नया नाम रानी तारा देवी रखा गया।
शादी से नाखुश थी रानी तारा देवी
इतिहासकारों के मुताबिक रानी तारा देवी अपनी इस शादी से खुश नहीं थी. इसकी वजह उनके और महाराज के बीच उम्र का अंतर था. महाराज शांत स्वभाव के इंसान थे. जबकि रानी तारा देवी युवा थीं. धीरे-धीरे दोनों के बीच दूरी बढ़ती चली गईं.
9 दिसंबर 1946 को पहुंची कुतुब मीनार
वर्ष 1946 में रानी तारा देवी अपने 2 पालतू कुत्तों और स्टाफ के साथ दिल्ली पहुंची. वे करीब एक महीने तक दिल्ली के एक होटल में ठहरीं. 9 दिसंबर 1946 को वे अपने स्टाफ को साथ लेकर कुतुब मीनार घूमने पहुंचीं. उन्होंने अपना हैंडबैग अपने ड्राइवर को दे दिया और खुद दोनों पालतू कुत्तों के साथ कुतुब मीनार में घूमने चली गईं.
ऊंचाई से कूदकर कर लिया सुसाइड
रानी तारा देवी ने दोनों पालतू कुत्तों के साथ कुतुब मीनार की चढ़ाई चढ़ने का फैसला किया. वे धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़कर ऊपर पहुंची और वहां से दोनों कुत्तों के साथ छलांग लगा दी. इस घटना में रानी तारा देवी और उनके दोनों पालतू कुत्तों की मौत हो गई.
महाराज जगजीत सिंह की 3 साल बाद मौत
जब इस बात की जानकारी महाराज जगजीत सिंह को लगी तो वे अंदर से टूट गए और सदमे में रहने लगे. आखिरकार सदमे की वजह से उन्होंने भी 3 साल बाद वर्ष 1949 में दम तोड़ दिया. रानी तारा देवी के कुतब मीनार से कूदने की घटना को 9 दिसंबर को 75 साल पूरे हो गए हैं ।

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