उत्तराखंड में भारत नेपाल सीमा से सटे गांव क्वीतड़ में एक सरकारी स्कूल शहर के कई निजी स्कूलों को भी मात दे रहा है इस स्कूल को नई पहचान दिलाने का श्रेय यहां के ग्राम प्रधान को जाता है, जिन्होंने सरकार से मिले बजट का सदुपयोग किया है। ग्राम प्रधान स्कूल को हाईटेक बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
ग्राम प्रधान के अनुसार शिक्षा की वजह से पलायन न हो, इसके लिए अपनी ओर से ईमानदार प्रयास करने की कोशिश की है।
क्वीतड़ गांव में अति दुर्गम श्रेणी का जी०आई०सी० है। ग्राम प्रधान व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह सौन के प्रयासों से विद्यालय को हाईटेक बनाया गया है। प्रधान सौन ने बताया कि बचपन में १० से १२ किलोमीटर पैदल चलकर पढ़ने के लिए स्कूल जाने की मजबूरी थी, क्योंकि गांव में स्कूल नहीं था। वर्ष २०१६ में तत्कालीन विधायक मयूख महर के प्रयासों से विद्यालय का उच्चीकरण हुआ, तब स्कूल का भवन बदहाल था।
स्थानीय लोगों की मांग पर विद्यालय भवन बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। सरकार ने करीब ५०,००,००० रुपये की स्वीकृति दी। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि प्रयास ईमानदार हों तो धरातल पर काम नजर आता है और आज जी०आई०सी० क्वीतड़ के भवन को देखकर काफी अच्छा लगता है। इसके लिए ग्राम प्रधान के प्रयास सराहनीय हैं। सी०ई०ओ० क्वीतड़ जिले का पहला हाईटेक विद्यालय माना जा रहा है। सी०ई०ओ० अशोक कुमार जुकरिया का कहना है कि ग्राम प्रधान ने स्कूल निर्माण के लिए मिले बजट का सदुपयोग किया है।
प्रधान सौन का कहना है कि विद्यालय भवन के निर्माण में ग्राम पंचायत के बजट का भी इस्तेमाल किया गया है।
हाईटेक स्कूल भवन बनाने की परिकल्पना करने वाले ग्राम प्रधान श्याम सुंदर सौन का कहना है कि अपने स्कूल काल में वह और उनके गांव के अन्य साथी १० से १२ किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंचते थे। उस समय से उनके मन में ऐसा हाईटेक स्कूल बनाने का सपना था जो आज करीब पूरा हो गया है।
ग्राम प्रधान श्याम सुंदर सिंह सौन का कहना है कि पूरे स्कूल भवन में सी०सी०टी०वी० कैमरे लगाए जाने हैं। बच्चों को स्कूल में स्वच्छ पेयजल के लिए फिल्टर लगाए जा रहे हैं। छात्र-छात्राओं समेत स्कूल स्टाफ के लिए भी (३) तीन शौचालय बनाए गए हैं। विद्यालय भवन के फर्श में टाइल्स लगाए गए हैं। कुमाऊंनी भाषा की पहली महिला लोकगायिका कबूतरी देवी की स्मृति में अब इस विद्यालय परिसर में उद्यान बनाया जाएगा वाह साथ ही साथ प्रोजेक्टर भी लगाए जाएंगे।