कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानून खत्म करने की किसानों की मांग पूरी नहीं करने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वह बातचीत के बहाने उन्हें थकाना चाहते हैं, लेकिन आंदोलन कर रहे किसान श्री मोदी से ज्यादा समझदार हैं और वे थकने तथा भटकने वाले नहीं हैं और ना ही किसी के बहकावे में आने वाले हैं।
उन्होंने कहा मोदी सरकार किसान को धीरे धीरे खत्म करना चाहती है इसलिए वह किसानों की मदद के लिए उनके समर्थन में खड़े हैं। किसान सरकार की इस नीति को समझ गये हैं इसलिए वे सड़कों पर उतर आये हैं। “प्रधानमंत्री से ज्यादा समझ हिंदुस्तान के किसान को है कि और जानते हैं कि क्या हो रहा है और क्या नहीं हो रहा है। यही सच्चाई है और इसका एक ही उपाय है कि इन तीन काले क़ानूनों को वापस लेना पड़ेगा। सरकार और उनका अहंकार समझता है कि किसानों को थकाया जा सकता है, उन्हें बेवकूफ बनाया जा सकता है लेकिन किसान को ना तो थकाया जा सकता है, ना उन्हें बेवकूफ बनाया जा सकता है।”
मोदी सरकार पर कुछ पूंजीपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा “इस देश के 4-5 नए मालिक है। श्री मोदी इन्हीं 4-5 लोगों के हाथ में पूरे हिंदुस्तान की खेती का ढांचा दे रहे हैं। पिछले 6-7 साल को देखें तो हर इंडस्ट्री में उन्हीं चार-पांच लोगों का एकाधिकार बन रहा है। एयरपोर्ट या टेलीकॉम देखिए, जहां भी आप देखेंगे तो इन्हीं लोगों का एकाधिकार है।”
राहुल गांधी ने कहा “आज तक किसी का खेती में एकाधिकार नहीं था और हिंदुस्तान के खेतों का फायदा किसानों, मजदूरों, तध्यम वर्ग और गरीबों को जाता था लेकिन अब श्री मोदी ने यह स्थिति बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसलिए किसान सड़कों पर खड़े हैं। हम सभी को किसानों को अपना पूरा का पूरा समर्थन देना है। ये हिंदुस्तान की सच्चाई है।हमारे मिडिल क्लास भाइयों और युवाओं को समझना होगा कि किसान अपनी रक्षा नहीं कर रहे हैं बल्कि वो आपकी और आपके भोजन की रक्षा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसान की आजादी खत्म करना चाहती है। यह प्रक्रिया धीरे धीरे आगे बढायी जा रही है। सबसे पहले भट्टा परसौल का मामला आया, वह थमा तो फिर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गयी और यह तीन किसान विरोधी कानून लेकर आयी है। यह किसानों को पूरी तरह से खत्म करने की साजिश है और अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है। मोदी किसान पूरी खेती का ढांचा चार पांच लोगों को देना चाहते हैं। उन्हें किसानों की जमीन सौंपना चाहते हैं इसलिए यह सरकार खेती विरोधी तीन कानून लेकर आयी है और किसानों पर आक्रमण कर रही है लेकिन देश का किसान इन कानूनों को खत्म कर ही घर लौटेगा।