सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में बने लव जिहाद कानून मामले पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है । साथ ही कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजककर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट इन अध्यादेशों की संवैधानिकता को परखेगा। इसी वजह से राज्यों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा गया है। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
सीजेआई ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड हाई कोर्ट में इस मसले पर याचिका लंबित है, इसलिए अभी इस पर कोई फैसला नहीं दे सकते हैं।साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि ये मामला गलत है, लेकिन पहले हाई कोर्ट इसपर गौर कर लें।
याचिकाकर्ता द्वारा लव जिहाद कानून के खिलाफ याचिका दायर कर रोक लगाने की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर याचिकाकर्ता ने जवाब में कहा, कानून को चुनौती देने वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट और उत्तराखंड हाईकोर्ट में लंबित हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल नवंबर में प्रोहिबिटेशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन ऑर्डिनेंस (Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance)लागू किया था। उसके बाद से इस कानून के तहत जिसे बोलचाल की भाषा में लव-जिहाद कानून (Love Jihad law) कहा जा रहा है, कई मुस्लिम पुरुषों को गिरफ्तार किया था। उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन ऐक्ट, 2018 (Uttarakhand Freedom of Religion Act, 2018) भी शादी के लिए धर्मांतरण को प्रतिबंधित करता है।