कोरोना की वजह से भारी आर्थिक घाटा झेल रही परिवहन निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं ,जिसके चलते उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संगठन ने तीन माह के लंबित वेतन समेत अन्य समस्याओं को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है।गांधी रोड स्थित कार्यालय में संगठन के प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश महामंत्री रविनंदन कुमार ने परिवहन निगम को परिवहन विभाग में समायोजित करने की मांग की है।उन्होंने अनुबंध नवीनीकरण के नाम पर संविदा चालकों व परिचालकों कर्मचारियों का शोषण बंद करने की मांग की गई साथ ही सेवानिवृत्त कर्मियों के देयकों का तत्काल भुगतान करने की भी मांग की है। बताया गया कि यूनियन की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है और सुनवाई चल रही।इस दौरान बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र भगत, हरि सिंह, बालेश कुमार, पंकज जौहर आदि मौजूद रहे।वहीं रोडवेज में कर्मियों को तीन माह से वेतन न देने पर हल्द्वानी की एक समाजसेवी श्वेता मासीवाल की मानवाधिकार आयोग में दाखिल याचिका को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने महाप्रबंधक संचालन को नोटिस जारी किया है।आपको बता दें उत्तराखंड रोडवेज में लगभग 6500 कर्मचारी हैं जिसमे से 3500 कर्मचारी अल्प वेतनभोगी है,जिनको पिछले तीन माह का वेतन अभी तक नहीं मिल पाया है जिसकी वजह से कर्मचारियों को घर का खर्चा चलाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।