हाईकोर्ट में आज उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों को जुलाई माह से वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार, परिवहन निगम व उत्तराखंड सरकार से एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में शपथपत्र पेश करने को कहा है। पूर्व में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि या तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाएं या 27 करोड़ रुपये का भुगतान करें परन्तु आज उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी का आदेश नहीं दिखा पा पाई, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की और इस सम्बंध में एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा।कोर्ट ने राज्य सरकार से भी अभी तक कर्मचारियों का वेतन भुगतान न करने पर पूछा कि बकाया भुगतान करने के संबंधित बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिली या नहीं। शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराया जाए।सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि 27 करोड़ रुपये के भुगतान करने के संबंध में उनकी एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी है। जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि सरकार ने उनको लॉकडाउन से वेतन का भुगतान नहीं किया है। न ही उनको निगम से समय पर वेतन आदि का भुगतान किया जा रहा है। यूनियन का यह भी कहना है कि उत्तराखंड को बने 20 साल हो गए है, निगम का 27 करोड़ रुपया उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पास जमा है, जो अभी तक उनको नही मिला है।