उत्तराखंड क्रांति दल ने बेरोजगारी के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास किया कूच

उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने आज गुरुवार को प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास कूच किया। इस दौरान दस सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंप कर सरकार को चेतावनी दी गई। गांधी पार्क के गेट पर यूकेडी कार्यकर्ता एकत्रित हुए और गांधी पार्क से एसलेहाल, दिलाराम वाटर वर्क्स होते हुए हाथीबड़कला पहुंचे। यहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने यूकेडी कार्यकर्ताओं को हाथीबड़कला के पास बैरिकेडिंग लगाकर आगे जाने से रोक दिया। इस दौरान पुलिस और पार्टी कार्यकर्ता के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

यूकेडी का कहना है कि लंबे संघर्ष के बाद राज्य बना लेकिन इन 20 वर्षों में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार को लेकर जो भी सपने देखे थे, सब चकनाचूर हो गए। राज्य में समस्या आज भी पहले की तरह जस की तस हैं।अब तक सरकार ठोस रोजगार नीति नहीं बना पाई। सरकार रोजगार के नाम पर भ्रम का जाल फैलाकर नौजवानों के भविष्य को अंधकार में डाल रही है। जिसकी वजह से नौजवान हताश हैं और दुगनी रफ़्तार से पलायन कर रहे हैं। वहीं, राज्य के संसाधनों की लूट जारी है। सरकार रोजगार के नाम पर भ्रम का जाल फैलाकर नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। लिहाज़ा, उत्तराखंड क्रान्ति दल ने राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार की ठोस व कारगर नीति बनाने के साथ ही सरकारी विभागों के रिक्त पदों पर समान शैक्षिक स्तर की सीधी भर्ती व उपनल एवं पी.आर.डी. से सविंदा भर्ती पर अविलम्ब रोक लगाने की मांग करती है।

उत्तराखंड क्रान्ति दल राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर ज्ञापन द्वारा सरकार से मांग करती है कि राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिये रोजगार की ठोस व कारगर नीति बनायें। राज्य के सरकारी विभागों के रिक्त पदों पर समान शैक्षिक स्तर की सीधी भर्ती तथा उपनल व पी०आर०डी० से सविंदा भर्ती पर अविलम्ब रोक लगे। राज्य की समूह ग की भर्ती को लोक सेवा आयोग की परिधि से तत्काल बाहर किया जाय तथा भर्ती प्रकिया के लिये मूलनिवास एवम सेवायोजन पंजीकरण अनिवार्य किया जाय। सरकारी विभागों में समान स्तर की शैक्षिक योग्यता वाले रिक्त पदों की भर्ती परीक्षाओं को एक साथ करायी जाय। शिक्षा विभाग में वर्तमान प्रवक्ता भर्ती प्रक्रिया पूर्व नियमावली-2015 के तहत किया जाय। विगत फोरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के मद्देनजर परीक्षा को तत्काल रद्द करते हुये नयी भर्ती प्रक्रिया की जाय तथा पूर्व में हुई सरकारी विभागों के लिये लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा परिणाम घोषित किया जाय।संपूर्ण प्रदेश में स्वरोजगार के लिए 500000 बेरोजगारों को निशुल्क भूमि आवंटन की जाए देहरादून नगर निगम सहित सभी नगर निगम के अंतर्गत प्रस्तावित वेंडर जोनों की तरह प्रत्येक नगर निगमों व अन्य निकायों में वेंडर जोन खोले जाय। वेंडर जोनों के लिये एक समान वेंडर नीति के अंतर्गत मूलनिवास की अनिवार्यता की जाए तथा राज्य के मूल निवासियों को ही वेंडर लाइसेंस दे। प्रवासियों को आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही राज्य के अनुदानित कॉलेजों में अनुदान को यथावत जारी रखते हुए राज्य आंदोलनकारियों की चिन्हीकरण प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। सरकार द्वारा घोषित उर्दू टीचर्स व अनुवादकों की भर्ती के तौर पर स्थानीय युवाओं को मौका दिया जाए।

इस अवसर पर दल पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बी०डी० रतूड़ी, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ए पी जुयाल,केंद्रीय उपाध्यक्ष ओमी उनियाल, लताफत हुसैन,अधिवक्ता एन के गुसाई, आनंद सिलमाना,देवेंद्र कंडवाल,देवी व्यास, महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय,बहादुर रावत,के एन डोभाल, प्रताप कुँवर,रेखा मिंया, प्रवक्ता सुनील ध्यानी, शांति भट्ट,देवेंद्र चमोली,राजेश्वरी रावत,प्रमिला रावत,राजेन्द्र बिष्ट,धर्मेंद्र कठैत,शिव प्रसाद सेमवाल,संजय संजय बहुगुणा,अशोक नेगी,किरन रावत कश्यप,नवीन भदुला,पीयूष सक्सेना,मिनाक्षी सिंह,दीपक रावत,राजेन्द्र प्रधान,सनी भट्ट,आशीष भट्ट,सुमन राणा,शकुंतला रावत,चंद्र सुंदरियाल, मिनांक्षी घिल्डियाल, समीर मुंडेपी,सोमेश बुडाकोटी,पंकज पैन्यूली,आशुतोष भंडारी,सीमा रावत,कमल कांत,वीरेश चौधरी, बृजमोहन सिंह सजवाण, श्याम सिंह रमोला,राकेश बिष्ट,अरुण पंवार,विनीत सकलानी,विद्या दत्त ध्यानी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता थे।

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