उत्तराखंड के विश्वविद्यालय और डिग्री कालेज शिक्षकों के द्वारा मातृत्व अवकाश, बाल देखभाल अवकाश, अध्ययन अवकाश, चिकित्सा अवकाश, असाधारण अवकाश और प्रतिनियुक्ति अवधि जैसी विशेष प्रकार की छुट्टियां ली गई हैं तो यह अब उनके प्रमोशन में बाधा नहीं बनेंगी। राज्य सरकार ने छुट्टियों के दौरान एपीआई स्कोर की गणना के लिए यूजीसी के पांच सितंबर 2018 के संशोधन को स्वीकार कर लिया है। प्रमुख सचिव-उच्च शिक्षा आनंद वर्द्धन ने आज इसके आदेश किए। उन्होंने कहा कि यूजीसी के कई मानक पूर्व में भी राज्य सरकार ने अंगीकार किया है। एपीआई स्कोर के लिए तय मानक को भी लागू कर दिया गया है। वर्द्धन ने इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशक को आदेश जारी करते हुए नई व्यवस्था लागू करने को कहा है। अब से प्रमोशन के वक्त शिक्षक का मूल्यांकन अवकाश से इतर शेष अवधि के लिए किया जाएगा। यह जरूर है कि शिक्षक का अवकाश नियमानुसार स्वीकार होना चाहिए।
बता दें , सीएएस के तहत प्रमोशन के वक्त शिक्षकों का विभिन्न मानकों के आधार पर आकलन किया जाता है। लेकिन प्रमोशन मानक तय करते वक्त उन शिक्षकों को छोड़ दिया जाता था, जो उस वक्त विशेष श्रेणी के अवकाश पर होते थे। यह माना जाता कि छुट्टी की वजह से शिक्षकों का योगदान पढा़ई में रहा ही नहीं है। इसमें मातृत्व अवकाश, चाइल्ड केयर लीव समेत छह महीने से पांच साल के विभिन्न अवकाश शामिल हैं।