उत्तराखंड राज्यनिर्माण के 20 वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन यहां कुछ नहीं बदला, सब कुछ जस का तस, राज्य निर्माण के इतने वर्ष होने के बाद भी अगर राज्यनिवासी बुनियादी सुविधाओं के न होने के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं तो इसे हम सरकारों की नाकामी ही कहेंगे और कोई न भी कहें तो जो खबरें आती हैं, तस्दीक कर ही देती है यह भयावह सच्चाई। वहीं, अब जो दुःखद खबर मिली है वह है उत्तरकाशी के मोरी तहसील के बंगाण क्षेत्र के देवती ग्राम से जहां एक गर्भवती महिला की इलाज के अभाव के कारण मौत हो गई।जानकारी के मुताबिक 21 वर्षीय गर्भवती महिला किरन को चारपाई पर लिटा कर ANM सेंटर ले जाया जा रहा था, लेकिन सेंटर बंद होने की वजह से गर्भवती महिला को हायर सेंटर के लिए ले जाया गया लेकिन देर तक इलाज न मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है, गांव में सड़क मार्ग ना होने के कारण ग्रामीण गर्भवती महिला को चारपाई पर लाद कर किसी तरह 5 किलोमीटर दूर ANM सेंटर लेकर गए, लेकिन वो बंद था। इसके बाद ग्रामीण गर्भवती को 18 किमी दूर त्यूणी अस्पताल ले गए, जहां पर उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।परिजन गर्भवती को लेकर हिमाचल प्रदेश के रोहडू के लिए रवाना हुए, लेकिन बीच रास्ते में ही गर्भवती महिला की मौत हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि अगर 5 किमी पैदल की बजाय सड़क मार्ग से महिला को ले जाया जाता तो शायद महिला की जान बच सकती थी, उन्होंने महिला की मौत के साथ -साथ, गांव मार्ग को सड़क से न जोड़ पाने पर रोष भी व्यक्त किया। वहीं, मोरी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. फराज ने कहा कि ठठीयार में ANM नहीं है, गडडुगाड़ की ANM को वहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जो कि टीकाकरण के लिए वहां दो दिन आती हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें गर्भवती महिला की मौत के मामले की जानकारी है,लेकिन ग्रामीण पीड़िता को मोरी नहीं लेकर आए थे।