कर्मकार कल्याण बोर्ड मामले को लेकर नाराज़ चल रहे श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। हरक सिंह रावत को बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने वाला मामला अभी सुलझा ही नहीं था कि श्रमबोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की ओर से दयमंती रावत को सचिव पद से हटाने वाले आदेश पर हरक सिंह रावत ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि शमशेर सिंह सत्याल द्वारा किया गया आदेश अज्ञानतावश दिया गया आदेश है। उन्होंने कहा दमयंती रावत अब भी बोर्ड की सचिव बनी रहेंगी। श्रम मंत्री ने कहा कि कानून में, संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कोई दायित्वधारी अपने हस्ताक्षर से ज़िम्मेदार पद पर बैठे किसी अफ़सर को हटा दे। उन्होंने कहा कि इसकी पावर बोर्ड को है लेकिन बोर्ड की अभी मीटिंग तक नहीं हुई है।उन्होंने कहा हरक सिंह ने कहा कि भले ही बोर्ड से अध्यक्ष के रूप में मुझे हटा दिया गया है लेकिन मनोनीत सदस्य तो अब भी चार साल तक काम कर सकते हैं।मनोनीत सदस्यों की जगह अभी किसी को नहीं रखा गया है,लिहाज़ा बोर्ड के छह मनोनीत सदस्य अपनी जगह बने रहेंगे और उनका वोट महत्वपूर्ण होगा। श्रम मंत्री ने कहा कि उन्होंने पूरे मुख्यमंत्री को भी यह बात दस्तावेज़ों के साथ बता दी है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं भी चाहें तो किसी सचिव को नहीं हटा सकते। मुख्यमंत्री अनुमोदन करेंगे लेकिन आदेश तो कार्मिक विभाग ही जारी करेगा।उन्होंने कहा कि ऐसे ही कोई दायित्वधारी अपनी मर्ज़ी से आदेश करने लगे तो व्यवस्था का प्रश्न खड़ा हो जाएगा, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि दमयंती रावत बोर्ड की सचिव थीं और बनी रहेंगी।