पश्चिम बंगाल भ्रमण के दौरान हम पहुंचे भजन कीर्तन संध्या में।

आमदोही (बांकुरा ) – पश्चिम बंगाल 20 अप्रैल। हमने अपने पश्चिम बंगाल के भ्रमण के दौरान पाया कि पश्चिम बंगाल में लगभग प्रत्येक सनातनी हिंदू धर्म के अनुयायियों के घर में प्रातः कालीन एवं सायं कालीन को उनके आराध्य ईस्ट एवं आध्यात्मिक गुरु की पूजा अर्चना की जाती है ,, इसी क्रम में विगत शाम हम एक घर में पहुंचे जहां सांध्य कालीन भजन कीर्तन किया जा रहा था। हमें भी उक्त प्रार्थना भजन कीर्तन संध्या में पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो कि काफी सुखद अनुभव रहा, यह घर वहां के प्रतिष्ठित एवम सुशिक्षित ,,,फिजिक्स के शिक्षक रहे एवं कई प्रदेशों में शिक्षा के माध्यम से हजारों बच्चों को शिक्षित कर चुके श्री मानिकचंद राय का घर था।जहां उनकी दो वैवाहिक सुपुत्रियों,, क्रमशः ,श्रीमती माला मुखर्जी एवं दौला बागुली ( ने पृथक रूप से सामूहिक रूप से उनके आध्यात्मिक गुरु श्री प्रणवानंद भवन का निर्माण किया है।
उक्त भवन में ही सुंदर भजन कीर्तन किया जा रहा था,) ने अपने यह उक्त भजन कीर्तन कार्यक्रम आज कुछ भिन्न रूप से रक्खा था। वे उस इलाके के प्रतिष्ठित एवं सुसक्षित परिवार के व्यक्तियों में गिने जाते है।
वहां पर भजन कीर्तन के लिए गांव के कई सारे बच्चे भी मौजूद थे ,, जिन्होंने अपनी अपनी मधुर आवाज में भजन स्वरूप सुंदर प्रस्तुतियां प्रस्तुत की।
भजन कीर्तन की सुंदर परिस्थितियों को निखारने के लिए परिवार के सदस्य राजा ऋषि राय ने मृदंग (ढोलक रूपी स्थानीय वाद्य यंत्र) पर अच्छी ताल बिखेरी।
वहां कोलकाता से आई एक नन्ही बच्ची शुभलक्ष्मी एवम मास्टर अग्नेश्वर ने अपने भजनों के माध्यम से सभी का मन मोह लिया।
इस दौरान वहां पिरतम राय, राजदीप सरकार ,अनुष्का सरकार, तृषा गायन ,अंकिता मालिक, संगीत गायन, मोमीता राय आदि बच्चे उपस्थित थे।

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