भारतीय जनता पार्टी के विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने अब इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई है। इस संबंध में पीड़िता ने बीते मंगलवार को उत्तराखंड सरकार को खत लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है। यह खत राज्य के गृह सचिव को भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपनी चिट्ठी में पीड़िता ने कहा है कि इस मामले की जांच कर रही राज्य की जांच एजेंसी पर मुझे भरोसा नहीं हैं इसलिए इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए।
पीड़िता के वकील एसपी सिंह ने मीडिया को जानकारी दी है कि अगर राज्य सरकार पीड़िता की अपील पर कोई ऐक्शन नहीं लेती है तो सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।बताया गया है कि चूकि कोविड-19 की वजह सचिवालय में आम लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध है लिहाजा यह खत ईमेल के जरिए राज्य के गृह सचिव को भेजा गया है। इसके अलावा पोस्टल के जरिए भी इस खत को भेजा जाएगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में 6 सितंबर को विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) और धारा 506 (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत केस दर्ज किया था। एसीजेएम कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज की थी।इस पहले पीड़िता ने इस मामले में 16 अगस्त को विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पीड़िता ने यह भी कहा था कि महेश नेगी ही उसकी बच्ची के पिता हैं और उन्होंने विधायक को ‘DNA’ टेस्ट कराने की चुनौती भी दी थी। महेश नेगी अभी अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट विधानसभा सीट से विधायक हैं। पीड़िता ने जो खत गृह सचिव को लिखा है उसमें पुलिस पर आऱोप लगाया है कि पहले पुलिस ने इस मामले में सेटलमेंट करने के लिए कहा था।पुलिस ने विधायक का ही पक्ष लिया था,पुलिस ने डीएनए टेस्ट को भी फर्जी बताने की कोशिश की थी। पीड़िता ने कहा है कि उन्हें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।वहीं विधायक की पत्नी ने इससे पहले पीड़िता पर आऱोप लगाया था कि उसने उनसे फिरौती मांगी थी और उन्हें तथा उनके विधायक पति को ब्लैकमेल करने की कोशिश भी की थी। अब पीड़िता ने अपने खत में इस मामले में भी सीबीआई जांच की मांग उठाई है। हालांकि इधर एसपी (सिटी) स्वेता चौबे ने पुलिस पर लग रहे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां तक पुलिस ने पीड़िता से कहा था कि वो कैमरे पर अपना बयान दर्ज करा लें ताकि उनका विश्वास बना रहे लेकिन वो तैयार नहीं हुईं। इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन स्कैव्ड कर रही है।