देहरादून, 24 अगस्त। प्रदेश में उच्च शिक्षा के कायाकल्प के लिये राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ हाल ही में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत पांच कम्पोनेंट के क्रियान्वयन को लेकर अनुबंध किया है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ढ़ांचागत संसाधनों का विकास, छात्रों के कौशल आधारित शिक्षा, प्रौद्योगिकी का उपयोग, नैक में सुधार के लिये गुणवत्ता को बढ़ावा देना, ई-लर्निंग एवं वर्चुअल लर्निंग के आउट पुट पर नजर रखने सहित अनेक कार्य किये जायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार शीघ्र ही भारत सरकार को 585 करोड़ का प्रस्ताव भेजेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पीएम-उषा योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) योजना को राज्य में लागू करने के लिये हाल ही में राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किये गये हैं। जिसके तहत उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को लगभग रूपये 585 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं। इन प्रस्तावों पर आने वाले लागत का 90 फीसदी धनराशि केन्द्र सरकार व 10 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार वहन करेगी। पीएम-उषा योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा पांच कम्पोनेंट के अंतर्गत ही धनराशि स्वीकृत की जायेगी जिनमें मेरू रूपानंतरण, मॉडल कॉलेज, विश्वविद्यालयों का संवर्द्धन, सुदूर एवं आकांक्षी क्षेत्रों पर फोकस, लैंगिक समावेशन और समानता के लिये समर्थन शामिल है। पीएम उषा योजना के तहत किये गये अनुबंध के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक विश्वविद्यालय को मेरू रूपानंतरण के तहत 100 करोड़, विश्वविद्यालय संवर्द्धन 20 करोड़, मॉडल महाविद्यालय हेतु 15 करोड़, लैंगिक समावेशन और समानता के लिये 10 करोड़ तथा सुदूर एवं आकांक्षी क्षेत्रों पर फोकस के लिये 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा योजना के अंतर्गत प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की भौगोलिक परिस्थितियों, उपलब्ध भूमि एवं सांसाधनों की उपलब्धता के आधार पर लगभग 585 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं जिनको शीघ्र ही भारत सरकार को भेजा जायेगा। इस योजना के अंतर्गत जो भी धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत की जायेगी उसको अनुबंध की शर्तों के तहत वर्ष 2026 तक व्यय करना अनिवार्य होगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने उम्मीद जताई की पीएम-उषा के अंतर्गत करोड़ की धनराशि मिलने से प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की दशा व दिशा सुधारने में मदद मिलेगी।
बैठक में रूसा सलाहकार प्रो.एम.एस.एम. रावत, राज्य नोडल अधिकारी रूसा एवं अपर निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. ए.एस. उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।