प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब कर प्रणाली ‘फेसलेस’ हो रही है, यह करदाता के लिए निष्पक्षता और एक भरोसा देने वाला है। कर मामलों में बिना आमना सामना के अपील (फेसलेस अपील) की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है तो देश का भी विकास होता है। आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है, ये देशवासियों के जीवन में सरकार के दखल को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कम से कम जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हों तो करदाता भी खुश रहता है। बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है। अब उच्च न्यायालय में 1 करोड़ रुपए तक के और उच्चतम न्यायालय में 2 करोड़ रुपए से अधिक के कर विवाद मामले ले जाने की सीमा तय की गई है। विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाए।
मोदी ने कहा कि नए मंच ‘पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान’ के तहत ‘फेसलेस’ मूल्यांकन, ‘फेसलेस’ अपील और करदाताओं का चार्टर शामिल है। प्रधानमंत्री ने करदाताओं के लिए चार्टर (अधिकार पत्र) का ऐलान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि टैक्स चार्टर के जरिए करदाता को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानी आयकर विभाग को अब करदाता के मान-सम्मान, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।