देहरादून 22 दिसंबर। राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा देहरादून में समस्त राज्यों में स्थापित राज्य महिला आयोग के अध्यक्षों एवं सचिवों की संवादात्मक बैठक का कराया गया आयोजन। इस बैठक में वहां मौजूद आए हुए सभी सदस्यों ने रखे अपने-अपने सुविचार।
“देहरादून में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने ली विभिन्न राज्यों की महिला आयोग की अध्यक्षों के साथ बैठक”
” पुरानी परिपाटी को छोड़ महिलाओं के हित में नए तरीकों से काम कर रहा है महिला आयोग”
देवभूमि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के सहयोग द्वारा वर्ष 2022 की तृतीय संवादात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न राज्यों से महिला आयोग की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, आयोग के सदस्य तथा सदस्य सचिव उपस्थित रहे ।
एनसीडब्ल्यू द्वारा क्वार्टरली मीटिंग विभिन्न विभिन्न राज्यों में आयोजित की जाती है। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा गई।
आयोग द्वारा उक्त बैठक में महिलाओं के कौशल विकास को बढ़ाने को लेकर, ट्रांसजेंडर की स्तिथि को समझने व उनके लिए बेहतर व्यवस्था को लेकर, वेश्यावृत्ति से उबर कर आई पीड़िताओं की दुर्दशा को समझकर उनके लिए स्वाधार गृह और पीड़िता के लिए हम क्या कर सकते हैं, मातृत्व लाभ तथा कैरियर के साथ मातृत्व, जेलो में कैद महिला कैदियों की स्थिति और उनके लिए निशुल्क गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता हो जैसे महिलाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
उक्त बैठक में एनसीडब्ल्यू द्वारा चलाई जा रही महिलाओं से संबंधित पोषण अभियान को लेकर बैठक में चर्चा हुई। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग देश के सभी राज्यों को पोषण अभियान के तहत आर्थिक रूप से सपोर्ट करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं को सशक्त बनाए जाने के लिए कई तरह के अभियान चला रही है। इसमें मुख्य रूप से पोषण अभियान के तहत सभी राज्यों में अभियान चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एनसीडब्ल्यू द्वारा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के तहत सभी राज्यों में ट्रेनिंग दी जा रही है। जिससे मानव तस्करी को रोका जा सके।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि अभी तक महिला आयोग महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर ही कार्य कर रही थी। लेकिन पिछले कुछ सालों से महिला आयोग ने अपनी पुरानी परिपाटी को बदल दिया है।
लिहाजा, अब महिला आयोग महिलाओं से संबंधित सभी क्षेत्रों- जिसमें मुख्य रूप से महिला हेल्थ, महिला एजुकेशन, महिलाओं की स्किल डेवलपमेंट, महिलाओं के फाइनेंशियल इंप्रूवमेंट, पॉलिटिकल इंप्रूवमेंट को कर काम कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं पर राष्ट्रीय महिला आयोग और क्या बेहतर कर सकती है? इसको लेकर ही बैठक की जा रही हैं। इसमें सभी राज्यों से सुझाव भी मांगे गयें हैं ताकि महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत महिलाओं को आर्थिक और राजनैतिक रूप में और मजबूत किया जा सके।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा तृतीय संवादात्मक बैठक का आयोजन हमारे प्रदेश में किया गया। उन्होंने कहा कि उक्त बैठक में महिलाओं के हित में जिन बिंदुओं पर भी जो भी सुझाव एवं निर्णय सामने आएंगे उन्हें सभी राज्यों के महिला आयोग उनकी मोनिटरिंग करते हुए धरातल पर लागू करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही स्वधारगृह खोलने पर काम करेंगे और वैश्यावृत्ति से उबर कर आयी तथा अनेक प्रकार से पीड़ित महिलाओं को रखने के लिए उचित उन्हें समाज मे पुनः स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे है।
उक्त बैठक में मिजोरम, अरुणाचल, कर्नाटक, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, आन्ध्रप्रदेश, केरल, उड़ीसा, दिल्ली आदि प्रदेशों से प्रतिनिधि प्रतिभाग करने पहुँचे जिनमे नींम राज्यों की महिला आयोग की अध्यक्ष हरियाणा से रेनू भाटिया , उड़ीसा से मिनाती बेहरा, कर्नाटक से परमिला, उत्तराखण्ड से कुसुम कण्डवाल, सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता, अधिवक्ता दयाराम सिंह, नेहा सिंह, सृष्टि भी बैठक में उपस्थित रही।