देहरादून द फोकस आई 1 दिसंबर।
वैसे तो SDRF जवान विभिन्न रेस्क्यू तकनीकों जैसे मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर, कॉलेप्स स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू, रोप रेस्क्यू, हाई एल्टीट्यूड माउंटेनियरिंग रेस्क्यू, फ्लड रेस्क्यू इत्यादि में पूर्ण प्रशिक्षणशुदा है। परन्तु किसी आपदा अथवा दुर्घटना के समय अतिरिक्त सुरक्षा हेतु प्रत्येक रेस्क्यू टीम में एक पेरामेडिक्स को भी नियुक्त किया जाता है जिसका कार्य घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देना व घायल की स्थिति को स्थिर रखना होता है। किसी भी प्रकार की आपदा अथवा दुर्घटना के समय प्रथम 60 मिनट अत्यंत महत्वपूर्ण होते है, जिसे golden hour भी कहा जाता है। जिसमे यदि आवश्यक उपचार मिल जाये तो प्राणों की रक्षा की जा सकती है।
इसी क्रम में SDRF में नियुक्त सभी परमेडिक्स की कार्यक्षमता व निपुणता बढ़ाये जाने हेतु एम्स, ऋषिकेश में जानकर चिकित्सकों से चिकित्सा संबंधी प्रशिक्षण कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरांत SDRF पेरामेडिक्स रेस्क्यू के दौरान और अधिक प्रभावशाली व निपुण तरीके से कार्य करने में सक्षम होंगे जिससे निश्चित ही अधिक से अधिक लोगों का जीवन सुरक्षित किये जाने में सहायता मिलेगी।