पूरी रात रेस्क्यअभियान में जुटे रहे SDRF के जवान… सभी मृतकों के 12 के 12 क्षत-विक्षत शवों को एसडीआरएफ ने ही निकाल।….ऊपर मुख्य मार्ग पर एनडीआरएफ रही स्टैंडबाॅय मोड पर।

चमोली 21 नवंबर। दिनांक 18 नवम्बर को जनपद चमोली के उर्गम-पल्ला जखोला मोटर मार्ग पर टाटा सूमो वाहन संख्या UK07TA- 6453 अनियंत्रित होकर पल्ला गांव के समीप सड़क से लगभग 500 मीटर नीचे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया थी।

उक्त घटना में SDRF की दो टीमों ( वरन पोस्ट जोशीमठ से एक रेस्क्यू टीम उप निरीक्षक मनमोहन सिंह के हमराह व एक अन्य रेस्क्यू टीम, पोस्ट पांडुकेश्वर से मुख्य आरक्षी लवकुश के नेतृत्व में) द्वारा अत्यंत जटिल रेस्क्यू कार्य को पूर्ण समर्पण से किया गया।

जब SDRF टीम गहरी खाई में उतरी तो वहां मंज़र दिल दहलाने वाला था, वाहन के परखच्चे उड़े हुए थे । क्षत विक्षत शव जगह जगह बिखरे पड़े थे। सर्दियों के मौसम के चलते दिन जल्दी ढल गया था। ऐसे में रात के घनघोर अंधेरे में इन शवों को खाई से बाहर निकालना भी एक बहुत बड़ी चुनौती सिद्ध हो रही थी। मुख्य मार्ग पर लोगों का तांता लगा हुआ था परन्तु गहरी खाई में SDRF टीम के साथ कुछ स्थानीय लोग ही थे। SDRF जवानों ने अक्सर ऐसी विषम परिस्थितियों में अपनी कार्यदक्षता सिद्ध की है और इसबार भी उनके हौसले बुलन्द थे। टीम के जवानों द्वारा सर्वप्रथम वाहन के अंदर व आसपास सर्चिंग की गई और 02 महिला व 10 पुरुषों के शवों को एक स्थान पर लाकर बॉडी बैग व स्ट्रेचर बोर्ड के माध्यम से गहरी खाई से ऊपर मुख्य मार्ग तक लाने की कार्यवाही शुरू की गई। घनघोर अंधेरा व बढ़ती ठंड विकराल चुनौति पेश कर रही थी परन्तु SDRF के जवानों न बिना रुके बिना थमे लगातार सात घण्टों तक अत्यंत विषम परिस्थितियों से रूबरू होकर सभी 12 शवों को खाई से निकलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया गया। रेस्क्यू समाप्त होते होते रात के पौने तीन बजे गए थे।

ऐसे ही उत्तराखंड एसडीआरएफ को चुनौतियों को स्वीकार करने एवं उनसे लोहा मनवाते हुए पार पाने वाली फोर्स नहीं कहा जाता… यह फोर्स कर के दिखाती है…

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