मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का जनपद प्रवास कार्यक्रम हो रहा सफल साबित

उत्तराखंड 13 नवंबर। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का जनपद प्रवास कार्यक्रम सफल साबित हो रहा है। इस दौरान वह विकास योजनाओं की समीक्षा, लोकार्पण और शिलान्यास करने के साथ ही आम लोगों के साथ सीधा संवाद भी स्थापित कर रहे हैं। युवाओं और मातृशक्ति के साथ जनसरोकार से जुड़े मुद्दों पर परिचर्चा को मुख्यमंत्री खासी तवज्जो दे रहे हैं। अब तक धामी राज्य के 13 में से 6 जिलों में प्रवास कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ समय पहले निर्णय लिया था कि वह शुक्रवार और शनिवार को जनपदों के भ्रमण व प्रवास पर रहेंगे। इसी निर्णय के तहत वह अब तक 6 जिलों रुद्रप्रयाग, चम्पावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर और पिथौरागढ़ का प्रवास कर चुके हैं। प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही मुख्यमंत्री की घोषणाओं की प्रगति और उन पर हुए अमल की जानकारी भी ले रहे हैं। समीक्षा बैठकों में श्री धामी लापरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारियों के पेंच कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अधिकारियों को पूरे होमवर्क और रोडमैप के साथ बैठकों में आने के निर्देश दिए गए हैं। उनके सख्त रवैये से जिला स्तर के अधिकारी हलकान हैं। समीक्षा बैठकों के साथ ही मुख्यमंत्री धामी जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। सरकारी सिस्टम के फीडबैक के साथ ही स्थानीय समस्याओं की जानकारी भी उन्हें जनता से मिल रही है। सुबह और शाम के पैदल सैर के दौरान वह स्थानीय व्यापारियों, किसानों और महिलाओं से बातचीत कर रहे हैं। रविवार की शाम मुख्यमंत्री सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के प्रवास से लौटे। प्रातः काल वह भ्रमण पर निकले तो उन्होंने श्री नवीन बोरा के प्रतिष्ठान पर गरमा गरम चाय का आनंद लिया और उनका हाल चाल जाना। उन्होंने प्रतिदिन की बिक्री समेत परिवार के दूसरे सदस्यों और गुजर बसर की जानकारी भी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने यहां स्थानीय लोगों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से चाय के साथ चर्चा की। तभी पिकनिक पर जा रहे स्टैफर्ड पब्लिक स्कूल के बच्चों पर नज़र पड़ी तो मुख्यमंत्री स्कूल बस में चढ़कर सभी बच्चों से मिले। उन्होंने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। पिथौरागढ़ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का गृह जनपद है। उनका पैतृक गांव हरखोला (कनालीछिना ब्लॉक) है जहां उनकी प्राथमिक शिक्षा हुई थी। बचपन के कई साथी भी उनसे मुलाकात करने पिथौरागढ़ पहुंचे। बड़ी आत्मीयता के साथ श्री धामी ने अपने पुराने साथियों के साथ समय बिताया।

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