नैनीताल: कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खण्डपीठ ने आज वीरचन्द्र सिंह योजना के तहत बेरोजगारों को पर्यटन व साहसिक कार्यो के क्षेत्र में स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण दिए जाने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने हरिद्वार निवासी सतीश चन्द्र शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से एक हाई लेबल कमेटी गठित कर पूरे प्रकरण की जांच कर, रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है।
बता दें,सतीश चंद्र शर्मा द्वारा दर्ज याचिका में कहा गया है कि सरकार बेरोजगारों ,असहाय व गरीब लोगो को स्वरोजगार करने के करीब 20 लाख का लोन वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत पर्यटन व साहसिक कार्यो के लिए दिया जाता है, परन्तु 2007 से 2012 तक तत्कालीन पर्यटन मंत्री मदन कौशिक व हरिद्वार के विधायक प्रदीप बत्रा की पत्नी ने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने करीबी लोगों को इसका लोन दिलाया गया जो पहले से करोड़पति हैं। याचिका में इस पूरे मामले की तफ्तीश करने की मांग की गई है।