उत्तराखंड: प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम के
अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि की ओर से ऋषिकेश में रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर अतिक्रमण कर वहां निर्माण किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह तीन माह में अतिक्रमण को ध्वस्त कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रविकुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऋषिकेश के निकट वीरपुरखुर्द वीरभद्र में स्वामी चिदानंद मुनि ने रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा करके वहां 52 कमरे, एक बड़ा हॉल और गोशाला का निर्माण कर लिया है।
चिदानंद के रसूखदारों से संबंध होने के कारण वन विभाग और राजस्व विभाग इसकी अनदेखी कर रहा है। कई बार प्रशासन व वन विभाग को अवगत कराया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने उस भूमि से अतिक्रमण हटाकर यह भूमि सरकार को सौंपने की मांग की थी।