नई दिल्ली 25 जुलाई। आज सोमवार 25 जुलाई, 2022 को भारत की द्रौपदी मुर्मू ने प्राचीन परंपराओं एवं आधुनिक राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के संकल्प के साथ 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर आयोजित समारोह में आज सोमवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (भारत के मुख्य न्यायाधीश) एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। वही इस दौरान मुर्मू सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं। इसी के साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विदाई भी हुई।वही इस मौके पर भव्य शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के दोनों सदनों के सांसद और दिग्गज नेता मौजूद रहे। समारोह में भारत सरकार के मंत्री, राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख और सरकार के प्रमुख सैन्य और असैन्य अधिकारियों के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।मिली ताजा जानकारी के मुताबिक सोमवार को शपथ लेने के बाद भारत की राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, ‘राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।’ वही जिसमें मुर्मू (64 वर्ष) देश की सबसे युवा राष्ट्रपति हैं और देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ हैं । इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उनके लिए भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श और सभी देशवासी हमेशा उनकी ऊर्जा के स्रोत रहेंगे। वे जगत कल्याण की भावना के साथ, सबके विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा व लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगी। उन्होंने हिन्दी में ईश्वर के नाम पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली ।इस मौके पर उन्होने कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है। उन्होने कोरोना महामारी के वैश्विक संकट का सामना करने में भारत द्वारा दिखाए गए सामथ्र्य और हाल ही में हासिल की गई कोरोना वैक्सीन के 200 करोड़ डोज लगाने के कीर्तिमान का जिक्र करते हुए कहा कि इसने दुनिया भर में भारत का मान बढ़ाया है और दुनिया भारत को उम्मीदों से देख रही हैं।साथ ही भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मुर्मू ने सभी सांसदों और राज्यों की विधानसभाओं के विधायकों को हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। अपनी राजनीतिक यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी उनके राजनीतिक जीवन कीशुरूआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में उन्हें ये नया दायित्व मिला है। उन्होने कहा कि वे देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हैं जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ है। उनकी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू हुई थी, कॉलेज जाने वाली अपने गांव की वो पहली बेटी बनी। वे जनजातीय समाज से हैं, और वार्ड काउंसिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर उन्हें मिला। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।