उत्तराखंड विधानसभा के 23 सितंबर से होने वाले मानसून सत्र के ठीक पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश सहित कुछ अन्य विधायकों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने की वजह से सत्र को एक दिन के लिए सीमित करने का निर्णय रविवार को लिया गया। सत्र से पहले होने वाली सर्वदलीय बैठक और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि सदन एक ही दिन चलेगा और उसमें प्रश्नकाल नहीं होगा।हालांकि, कार्यस्थगन में जनहित के मुद्दों को उठाया जाएगा। पहले तीन दिन का सत्र प्रस्तावित किया गया था। बैठक की अध्यक्षता करने वाले विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना काल की विकट परिस्थितियों के मद्देनजर सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि सदन की कार्यवाही एक दिन ही चलायी जाए। उन्होंने बताया कि सदन में प्रश्नकाल न रखे जाने तथा कार्यस्थगन प्रस्तावों के जरिए जनहित के मुद्दे उठाने पर भी सहमति बनी। चौहान ने बताया कि सत्र के दौरान कार्यवाही विधानसभा में ही होगी और मंडप के अलावा दर्शक और प्रेस दीर्घाओं में भी विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। उत्तराखंड विधानसभा में एक मनोनीत विधायक सहित कुल 71 सदस्य हैं। अग्रवाल तथा इंदिरा के अलावा कुछ अन्य विधायक भी कोविड-19 से पीड़ित हैं। हालांकि, विधान सभा के पास इसकी कोई आधिकारिक तौर पर सूचना नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने ट्विटर के जरिये खुद के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी देते हुए कहा कि आज उन्होंने देहरादून स्थित अपने आवास पर कोविड-19 की आरटी-पीसीआर विधि से जांच करवायी जिसमें उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे संपर्क में जो भी लोग आए हैं, वह कृपया स्वयं एकांतवास में चले जाएंl कृपया सावधानी बरतें, स्वयं भी सुरक्षित रहें और अपने संपर्क में आने वाले लोगों को भी सुरक्षित रखें।’ कोविड-19 के द्रष्टिगत विधानसभा सत्र को राज्य सचिवालय में आयोजित करने की संभावनाएं तलाशने के लिए बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया था। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री रावत भी एक बार फिर से अपना कोविड-19 जांच करवा सकते हैं। इस बीच, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा को रविवार को एयरलिफट करके गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इंदिरा की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिवक आने पर पहले उन्हें हल्द्वानी से देहरादून लाया गया और फिर गुरुग्राम भेजा गया।