चमोली। भगवान रुद्रनाथ जो कि चतुर्थ केदार के नाम से जाने जाते हैं की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित अपने ग्रीष्मकालीन गद्दी स्थल के लिए रवाना हुई। इस दौरान हक हकूकधारी और मुख्य पुजारी के साथ सैकड़ों की संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे। 19 मई को ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान के साथ भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।मुख्य पुजारी हरीश भट्ट के मुताबिक, भगवान रुद्रनाथ अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ के लिए निकल गए हैं। 19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है। इस परंपरा के निर्वाहन में उन्हें सेवा करने का मौका मिलता है। भगवान रुद्रनाथ जी का मंदिर सगर गांव से लगभग 19 किलोमीटर दूरी तय करके पहुंचा जा सकता है। अब ग्रीष्मकाल में 5 माह तक भगवान भोलेनाथ कैलाश में विराजमान रहेंगे। 3600 मीटर की ऊंचाई (11800+ फुट ) पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर में भोलेनाथ के मुख के दर्शन होते हैं।