वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए भारत ने पूरे विश्व के आगे एक ऐसी मिसाल रखी है जो पहले असंभव सी लग रही थी। लगभग डेढ अरब की आबादी वाले देश में 89 करोड लोगो को टीकाकरण से जोड़ा जा चुका है और अब सरकार का ल़क्ष्य अगले आठ दिनो में इस संख्या को सौ करोड़ के पार ले जाने का है। यानी कि लक्ष्य के अनुसार चले तो अगले सप्ताह भारत सौ करोड़ के आंकडे को पार कर लेगा।
टीकाकरण की गति को रफ्तार देने के लिए दो अक्तूबर को महात्मा गांधी जयंती पर भी टीकाकरण को लेकर विशेष अभियान चलाने की तैयारी है। भारत में टीकाकरण के नौ महीने पूरे होने वाले हैं और 69 प्रतिशत लोगाें को टीके एक खुराक एवं 25 प्रतिशत को दोनों वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
उधर टीकाकरण की उल्लेखनीय सफलता के बाद सरकर ने भी टीके की उपलब्धता और कीमतों को कम करने के लिए प्रयास करते हुए वैक्सीन के आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट को केंद्र सरकार ने तीन महीने और बढ़ा दिया है। यह छूट अब 31 दिसंबर 2021 तक रहेगी।
सरकार का मानना है कि आयात शुल्क में छूट से विदेशी टीकों की लागत को कम रखने में मदद करेगी। इसके जरिये देश में बनने वाली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवाक्सिन के टीकों की कमी होने पर इस्तेमाल किया जाएगा। वर्तमान में देश रूस द्वारा निर्मित स्पूतनिक वी टीके का आयात करता है। भारत ने फिलहाल देश में कोरोना के पांच टीकों सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्डए भारत बायोटेक का कोवॉक्सिनए रूस के स्पूतनिक वी मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है।