उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे। जिसका संज्ञान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लेते हुए जांच करने के निर्देश दिए थे।साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के अधिकारों को सीज कर दिया गया था।वहीं, अब इस मामले में उच्च न्यायालय ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में फंसे उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।दरअसल करीब 16 करोड़ की वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर 10 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन को जांच के आदेश दिए थे। कमिश्नर प्रारंभिक जांच करीब करीब पूरी कर चुके हैं। इधर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक ने याचिका दायर कर जांच के आदेश को चुनौती दी। जिसमें कहा था कि राजनीतिक कारणों से उनके खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित होकर जांच के आदेश दिए गए।उन्होंने मजबूत प्रतिद्वंद्वी को चुनाव में हराया था। लिहाजा जांच पर रोक लगाई जाए। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद जांच के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।