देहरादून 17 अगस्त को जिला पौड़ी के कीर्तिनगर तहसील गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में कुछ छात्रों में मारपीट हो गई थी। इसमें आयुष नेगी (17) निवासी मलेथा को अंदरूनी चोट आई थी। उसे मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से हायर सेंटर रेफर किया गया था। परिजन उसे देहरादून के कैलाश अस्पताल ले गए। वहां उसने 20 अगस्त को दम तोड़ दिया।
कोतवाल कीर्तिनगर रविंद्र यादव ने बताया कि आयुष के ताऊ ने 20 अगस्त की सुबह ही मारपीट की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने एक छात्र को नामजद करते हुए अन्य छात्रों के घटना में शामिल होने की बात कही थी। आयुष की मृत्यु होने पर प्राथमिकी में गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है। दो आरोपी छात्रों को अभिरक्षा में लिया गया है। घटना के संबंध में स्कूल प्रबंधन और छात्रों से जानकारी जुटाई जा रही हैं।
अंदरूनी चोट के बारे में नहीं दी जानकारी
चोटिल होने के बाद आयुष ने अपने हाथ का एक्सरे करवाया था लेकिन पेट की चोट में बारे में किसी को नहीं बताया। तबीयत खराब होने पर घरवालों का इसका पता चला। समय पर वह चोट के बारे में बता देता तो शायद उसकी जान बच जाती। वहीं आयुष और मुख्य आरोपी दो साल पूर्व एक ही विद्यालय में पढ़ते थे। आरोपी ने दो साल पूर्व जीआईसी कीर्तिनगर में एडमिशन ले लिया था जबकि आयुष इसी साल स्कूल में आया था। वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उसका अभी एडमिशन नहीं हुआ था। आयुष के पिता की पांच साल पूर्व सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। उसके घर में माता और छोटा भाई है।
प्रधानाचार्य के तबादले के लिए लिखा पत्र
एसडीएम कीर्तिनगर अजयवीर सिंह ने जीआईसी कीर्तिनगर के प्रधानाचार्य का प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि घटना में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की जांच के लिए जिलाधिकारी से मजिस्टीरियल जांच की सिफारिश की गई है।
मलेथा के ग्रामीणों ने घेरी तहसील
आरोपी छात्रों और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की मांग को लेकर मलेथा के ग्रामीणों ने तहसील का घेराव किया। ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए छात्र की मौत का जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीणों ने जीआईसी के प्रधानाचार्य को जमकर खरीखोटी भी सुनाई। एसडीएम अजयवीर सिंह की ओर से उचित कार्रवाई व जांच का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीण शांत हो गए।
आयुष की मौत के बाद शनिवार को मलेथा के ग्रामीण बड़ी संख्या में कीर्तिनगर तहसील कार्यालय पहुंच गए। ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम ने प्रधानाचार्य और छात्रों का झगड़ा रोकने वाली शिक्षिका को मौके पर बुलाया। प्रधानाचार्य अवधेष मणि ने बताया कि यह घटना छुट्टी के बाद हुई। उन्हें इसकी जानकारी शुक्रवार को मिली। वहीं शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने छात्रों को झगड़ा करने से रोका था। इस दौरान आयुष ने चोट की बात नहीं बताई। छात्रों में अक्सर झगड़े होते रहते हैं इसलिए यह वाकिया प्रधानाचार्य को नहीं बताया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल परिसर में यह घटना हुई है। यदि स्कूल प्रबंधन गंभीर होता तो यह घटना नहीं होती। पूर्व में स्कूल प्रबंधन ने एक छात्र के शिक्षिका की चोटी काटने की बात छिपाई है। छात्रों ने भी शिकायत की कि स्कूल में मारपीट होती रहती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।