सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ CBI जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री की सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि सीएम इस मामले में पक्षकार नहीं थे और हाई कोर्ट ने इसके बावजूद सीबीआई जांच का आदेश दिया है।यह फैसला सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है, क्योंकि इस तरह के फैसले के बाद सीएम के इस्तीफे की मांग हो रही है।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच कर रही है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में बताया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट पूरी तरह से गलत है, यह एक मामला है जहां पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और जांच चल रही है।दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा पारित किया गया है। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुये सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि इस तरह के कठोर आदेश से सभी हैरान हैं। सीएम और राज्य को पार्टी बनाए बिना इस तरह का आर्डर पास किया गया है, सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाई जाती है।
नैनीताल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने के मामले में पत्रकार पर दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर कर चुकी है।