सुप्रीम कोर्ट : शाहीन बाग मामले पर फैसला, सार्वजनिक जगह पर कब्जा कर विरोध प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता

सुप्रीम कोर्ट का शाहीन बाग में CAA के विरोध में बैठी भीड़ को हटाने के मामले में बुधवार को फैसला आ गया है।जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी सार्वजनिक जगह को कब्जा कर विरोध प्रदर्शन के लिए इस तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस तरह के विरोध प्रदर्शन स्वीकार्य नहीं हैं।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क को अनिश्चित काल तक बंद नहीं किया जा सकता। इस तरह के मामले में प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध का अधिकार संविधान में है, लेकिन विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह होनी चाहिए। आम लोगों को विरोध प्रदर्शन से दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अदालत ने उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं होगी।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध के अधिकार को आवागमन के अधिकार के साथ संतुलित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया की ऐसी स्थिति बनने पर प्रशासन को खुद ही कार्रवाई करनी चाहिए। किसी कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के प्रोपगेंडा के जरिए हालात खराब होने का खतरा बना रहता है। ज्ञात हो शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को विरोध में तकरीबन 100 लोगों ने सड़क पर जाम की स्थिति बना रखी थी, ऐसे में वकील अमित साहनी और भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी,इसी याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह बात कही ।

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