सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किए

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज के दिन को अनेक रूपों में मनाते हैं, देश की आजादी के लिए अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांत पर चलने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जय जवान, जय किसान का उद्घोष कर देश की सैन्य शक्ति को प्राथमिकता देने वाले और किसानों की मजबूती के लिए कार्य करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है,लेकिन उत्तराखण्ड के इतिहास में आज के दिन को एक काले धब्बे के रूप में भी हम लोग देखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन उत्तराखण्ड के इतिहास में एक काला अध्याय भी जुड़ा था।जब राज्य आन्दोलनकारियों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की मांग के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन किया जा रहा था, तब रामपुर तिराहा में इन आन्दोनकारियों पर बर्बरता पूर्वक अत्याचार किया गया, अनेक नौजवान शहीद हुए। यहां के स्थानीय लोगों ने इन नौजवानों के सम्मान और सुरक्षा के लिए जिस तरह योगदान दिया, उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के परिणामस्वरूप ही उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य बना। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड का विकास हो इसके लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है।

ज्ञात हो पृथक राज्य उत्तराखंड बनने से पूर्व 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा के निकट रुड़की रोड पर राज्य निर्माण की मांग को लेकर गांधी जयंती पर दिल्ली जा रहे उत्तराखंड के लोगों को रोकने के दौरान पुलिस की गोली से 7 उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। जबकि 17 घायल हुए थे। तभी से प्रत्येक वर्ष यहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। करीब 20 वर्ष पूर्व उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वहां की सरकार द्वारा रामपुर तिराहे के निकट रुड़की रोड पर एक भव्य शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया है। तभी से यहां राज्य के मुख्यमंत्री अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए पहुंचते रहे हैं।

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