उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज प्रेस वार्ता कर कोरोना वायरस को लेकर की गई तमाम तैयारियों, प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने से लेकर केंद्र सरकार द्वारा चलाए गई योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन को लेकर आरबीआई के गवर्नर ने कहा था कि देश को ऐसे वक्त में 65 हजार करोड़ की आवश्यकता है, लेकिन प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया।पीएम मोदी ने देश की गरीब जनता की हालत को देखते हुए कल्याणकारी योजना बनाईं।उन्होंने कहा लॉकडाउन के कारण मजदूर वर्ग काफी प्रभावित हुआ है, लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं ,इसकी वजह से सरकार ने गरीब जनता के लिए बिना किसी मांग के नवंबर तक मुफ्त अनाज देने का ऐतिहासिक फैसला लिया।इससे, हमारे देश में गरीबी के कारण भूखे सोने वाले लोगों को राहत मिलेगी।सरकार के राहत पैकेज से उद्योगों को भी राहत मिली है।देश में जब कोरोना शुरुआती चरण में था तो तब एन 95 मास्क की कमी थी, लेकिन अब देश में इन दोनों का उत्पादन बड़ी मात्रा में हो रहा है।इसकी वजह से देश की जरूरत तो पूरी हो ही रही है, साथ ही अब दूसरे देशों में भी इसका निर्यात किया जा रहा है।वहीं पहले देश में एक लाख के करीब वेंटिलेटर थे, लेकिन अब उत्तराखंड सहित देशभर में पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर मौजूद हैं,देश के कई तकनीकी संस्थानों और प्राइवेट संस्थानों ने सस्ते दरों पर वेंटिलेटर उपलब्ध कराए हैं। केंद्र सरकार की मदद से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में काफी सुधार आया है।41 निजी कोल ब्लॉक की नीलामी शुरू हुई, रक्षा सेक्टर को मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया जा रहा है।इन कदमों से वैश्विक निर्भरता को कम किया जा सकेगा,हमारा उदेश्य किसी को पैसा देने का नहीं, बल्कि उसकी आजीविका को बढ़ाने का है।उन्होंने कहा कि राज्य में 45000 युवाओं ने स्वरोजगार के लिए रजिस्ट्रेशन किया हुआ है।वहीं उन्होंने महाकुम्भ के आयोजन के बारे में बताते हुए कहा कि महाकुम्भ का आयोजन परम्परागत रूप से होगा और उसके समय को लेकर अंतिम निर्णय फरवरी में लिया जाएगा।