सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से जुड़े मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर सकती है सरकार

नैनीताल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने के मामले में पत्रकार पर दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। अब खबर है कि इस पूरे प्रकरण में प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में आज ही एसएलपी दाखिल करेगी। भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष एवं मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि इस सिलसिले में सरकार की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है।भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ भसीन ने कहा क‍ि अदालत के फैसले का सरकार सम्‍मान करती है। यदि सीबीआई जांच होती है, तो जांच में सरकार पूरा सहयोग करेगी। साथ ही यह भी कहा कि अदालत के आदेश के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में विशेष जनह‍ित याच‍िका दायर की जा रही है।

क्या है मामला :

मामले के अनुसार एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने इसी साल 31 जुलाई को देहरादून थाने में उमेश शर्मा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग करने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।मुकदमे के अनुसार, उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया में खबर चलाई की प्रो. हरेंद्र सिंह रावत व उनकी पत्नी डॉ. सविता रावत के खाते में नोटबन्दी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान ने पैसे जमा किये और यह पैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को देने को कहा था, इस वीडियो में डॉ सविता रावत को मुख्यमंत्री की पत्नी की सगी बहन बताया गया है।रिपोर्टकर्ता के अनुसार ये सभी तथ्य असत्य हैं और उमेश शर्मा ने बैंक के कागजात कूटरचित तरीके से बनाये हैं, उसने उनके बैंक खातों की सूचना गैर कानूनी तरीके से प्राप्त की है।इस बीच सरकार ने आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर भी लगा दी थी, जिसके बाद अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उमेश शर्मा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए हॉइकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल व अन्य ने पैरवी की थी, उनकी दलील थी कि नोटबन्दी के दौरान हुए लेनदेन के मामले में उमेश शर्मा के खिलाफ झारखंड में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें वे पहले से ही जमानत पर हैं, इसलिए एक ही मुकदमे के लिये दो बार गिरफ्तारी नहीं हो सकती।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here