सिख समुदाय के पवित्र धार्मिक स्थान श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई से खुलेंगे।

ऋषिकेश (देहरादून)19 मई। सिक्ख समुदाय के धार्मिक स्थान श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुल रहे हैं। ऋषिकेश स्थित गुरूद्वारा से हेमकुंड साहिब के लिए संगतो को रवाना किया गया। गुरूद्वारा परिसर ऋषिकेश में यात्रियों के रजिस्ट्रेशन शुरू हुए। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) श्री गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने गुरूद्वारा में मत्था टेका और गुरूवाणी पाठ में शामिल हुए।इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संगतों को हेमकुंड साहिब यात्रा की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो वह कई बार इस यात्रा के प्रारंभ होने के मौके पर आते रहे हैं लेकिन यह पहला मौका है जब वे बतौर मुख्य सेवक के रूप में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना गुरुकृपा के कुछ भी नहीं होता। प्रदेश में चार धाम यात्रा के साथ ही हेमकुण्ड यात्रा शुरू हो रही है। इस बार पिछले सालों की तुलना में कई गुना अधिक यात्री चार धाम यात्रा में पहुंचे हैं। सरकार सुरक्षित चार धाम एवं हेमकुण्ड साहिब यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का संकल्प है कि प्रदेश में आने वाले हर एक श्रद्धालु सुरक्षित आए और दर्शन करके सुरक्षित वापस लौटे।मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुए कहा कि जिन श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानी हो रही हो, डॉक्टर की सलाह के बिना यात्रा न करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि चार धाम हेमकुंड साहिब के अलावा कुमाऊं क्षेत्र और गढ़वाल क्षेत्र के अन्य धार्मिक स्थानों का भी सर्किट विकसित किए जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को आर्थिकी का मजबूत स्रोत बनाने के लिए प्रदेश में होम स्टे मॉडल को विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में अब तक लगभग 3600 होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं।हेमकुंड मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह विंद्रा ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री का आभार जताया। लक्ष्मण झूला रोड पर स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट ने अतिथियों का स्वागत किया गया। श्री हेमकुंड यात्रा हेतु व्यापक तैयारियां की गयी है। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाई भी गुरूवाणी पाठ में शामिल हुए तथा गुरुद्वारा ऋषिकेश में माथा टेका। इस अवसर पर अच्छी खासी संख्या में सिक्ख संगत जत्थे मौजूद थे।

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