श्री केदारनाथ के आज हुए कपाट बंद,,सफल यात्रा संचालन पर तीर्थ पुरोहितों ने जताया मुख्यमंत्री का आभार।

श्री केदारनाथ 3 नवंबर। भैया दूज के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। रविवार सुबह विधि-विधान के साथ कपाट बंद होने के बाद सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ बाबा की पंचमुखी विग्रह मूर्ति शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर चुकी है। कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थ पुरोहित समाज सहित स्थानीय व्यापारियों ने सफल एवं सुगम यात्रा संचालन के किए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का विशेष आभार व्यक्त किया।

केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशन एवं विशेष प्रयासों से इस वर्ष की यात्रा बेहद सफलतापूर्वक संचालित हुई है। चारधाम यात्रा को भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए धामी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास बेहद सराहनीय हैं। मानसून सीजन में भारी अतिवृष्टि के चलते श्री केदारनाथ धाम के पैदल एवं सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए थे जिसके चलते यात्रा प्रभावित रही। लेकिन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की केदार घाटी के लिए चिंता देखते बनती थी उन्होंने स्वयं यात्रा मार्गों का निरीक्षण कर जल्द अपनी विशेष टीम यात्रा को सुचारू करने के लिए घाटी में तैनात की, फलस्वरूप रिकॉर्ड समय में यात्रा दोबारा शुरू हुई। उधर स्थानीय व्यापारी एवं तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला ने सफल यात्रा संचालन पर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि चारों धामों की यात्रा को भव्य बनाने के लिए धामी सरकार सराहनीय प्रयास कर रही है। विशेषतौर पर श्री केदारनाथ धाम के लिए धामी जी द्वारा किए गए प्रयासों से यात्रा विपरीत परिस्थितियों के बीच भी भव्य एवं दिव्य रही है। मानसून सीजन में हुई अतिवृष्टि के बाद यात्रा का दूसरा चरण सुचारू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय व्यापारियों को नि:शुल्क हेली सेवाओं से केदारनाथ धाम पहुंचाया जबकि आपदा से प्रभावित परिवारों को 10 करोड़ से अधिक का मुआवजा वितरित किया। इसी कारण करीब 36 दिन यात्रा प्रभावित रहने के बाद भी करीब साढ़े 16 लाख यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। उन्होंने बद्री केदार मंदिर समिति एवं जिलाधिकारी सौरभ गहरवार का यात्रा को सुगम बनाने के लिए और नगर पंचायत केदारनाथ का धाम में स्वच्छता व्यवस्था में सुधार के लिए विशेष आभार व्यक्त किया।

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