देहरादून द फोकस आई 6 मार्च।कर्नल, डॉक्टर के पी दत्ता ने आज अपने देहरादून स्थित निवास पर रखी वैचारिक मुलाक़ात।
इस मुलाकात के अवसर पर उन्होंने स्थानीय मोयाल परिवारों के साथ अपने फौज के कार्यकाल के तजुर्बा को साझा किया तथा साथ ही साथ नई पीढ़ी के युवाओं को फौज में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए भी प्रेरित किया. इसी दौरान उन्होंने कहा कि वे एक देशभक्त है और अपनी इसी देशभक्ति का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे लिए पैसा सर्वोपरि नहीं है वरुण देशभक्ति सर्वोपरि है यदि कोई भी किसी भी वर्क का बच्चा यदि उनसे फौज में जाने के लिए मार्गदर्शन चाहे तो वह आज भी उसे निशुल्क मार्गदर्शन देने को तैयार हैं उन्होंने पत्रकार वार्ता में एक साक्षात्कार में बताया कि वे तीन बार के कमीशन चयनित हुए हैं एवं तीन युद्ध व पांच फौजी ऑपरेशन सफलतापूर्वक अपने नाम पर दर्ज करा चुके हैं .उन्होंने बताया कि उन्हें अपने पूर्ण कार्यकाल में 3 सितारे (🌟 🌟 🌟 ) एवं 13 पदकों से सम्मानित किया जा चुका है अपने युद्ध क्षेत्र में योगदान के दौरान उन्हें कई बार विपरीत परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ा है जिसकी वजह से मौत को मात देते हुए वे कई बार विभिन्न प्रकार की विकलांगता के शिकार भी हुए हैं पर उनकी इच्छाशक्ति देखिए कि उनसे मुलाकात करके कोई भी यह नहीं जान पाएगा कि वे विकलांगता की श्रेणी में आते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इस समय की सरकार फौजियों के लिए उनके साथ न्याय बरतते हुए कार्य कर रही है यदि उनके सेवाकाल के दौरान की सरकारें भी इस प्रकार से फौजियों के हितों के लिए न्याय रूपी नीति अपनाती तो उनकी 43 वर्ष की सेवा अवधि में वे जनरल के रूप में सेवाएं प्रदान कर सेवानिवृत्त होते आज भी लगभग 80 वर्ष की आयु में अपने दैनिक कार्य कलाप स्वयं,स्वस्थ व्यक्ति के रूप में पूरे करते हुए दिख जाए करते हैं वैचारिक मुलाकात के दौरान उन्होंने कई प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था की थी जिसमें उनके द्वारा परोसे गए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का स्वाद भी वहां आए मोयाल परिवारों ने उठाया।