देहरादून द फोकस आई 9 अप्रैल। नवनियुक्त विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत की पहल पर शिक्षकों की समस्याओं के समाधान और शैक्षिक उन्नयन हेतु विधानसभा में अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न शिक्षक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया गया। उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ० अनिल शर्मा और प्रदेश महामंत्री जगमोहन सिंह रावत ने अशासकीय विद्यालयों की लम्बित समस्याओं को प्रभावी तरीके से शिक्षा मन्त्री के सम्मुख रखा। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए एक माह का समय दिया।
उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ० अनिल शर्मा ने बताया कि प्रमुख समस्याओं में पुरानी पेंशन योजना बहाली, हर माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान की निश्चितता, स्वतः सत्र लाभ, तदर्थ सेवाकाल का लाभ, अटल आयुष्मान गोल्डन कार्ड की सुविधा, प्रधानाचार्य- शिक्षक चयन प्रक्रिया में पी-एच०डी०, एम०एड०, खेलकूद, एन०सी०सी०, एन०एस०एस०, शैक्षणिक अनुभव के अधिभार अंक देने की पूर्व की भाँति व्यवस्था करना, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण, दस हजार रुपये मानदेय वाले पी०टी०ए० शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति, समान परिस्थिति में छूटे हुए पी०टी०ए० शिक्षकों को मानदेय की श्रेणी में लाना, चयन-प्रोन्नत वेतनमान पर एक वेतनवृद्धि दिया जाना, अर्हताधारी प्रभारी प्रधानाचार्यों को डाउनग्रेड वेतनमान में स्थायी करना, राजकीय की भाँति अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी टैबलेट, पोशाक और अन्य सुविधाएं प्रदान करना, उच्चीकृत स्कूलों में चयन-प्रोन्नत वेतनमान में पूर्व की सेवा का लाभ दिया जाना, वर्ष 2016 में अनुदानित विद्यालयों में मौलिक पद पर नियुक्त शिक्षकों के वित्तविहीन सेवाकाल की गणना समस्त लाभों में किया जाना, एन०पी०एस० कटौती धनराशि शिक्षक के प्रान खाते में सीधे जमा किया जाना, हरिद्वार जनपद के कुछ शिक्षकों के विनियमितीकरण की तिथि में संशोधन किया जाना, चतुर्थ श्रेणी पदों पर आउटसोर्सिंग व्यवस्था में नियुक्ति किया जाना और नियुक्ति का अधिकार प्रधानाचार्य को देना, चार वर्षीय एकीकृत बी०एड० की डिग्री को अशासकीय विद्यालयों में चयन प्रक्रिया में मान्य करना और अशासकीय विद्यालयों में भी कक्षा अनुभाग का निर्धारण राजकीय विद्यालयों की भाँति ही करना आदि मांगों को शिक्षा मन्त्री के सामने जोरदार ढंग से उठाया। अधिकांश मांगों के प्रति शिक्षा मंत्री ने अपनी सहमति जतायी और अधिकारियों को एक माह में समाधान निकाले जाने का निर्देश दिया। बैठक में अपर सचिव शिक्षा दीप्ति सिंह, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर० के० कुँवर, अपर निदेशक बी०एस० नेगी, अपर निदेशक वन्दना गर्ब्याल, प्रदेश अध्यक्ष डॉ० अनिल शर्मा, प्रदेश महामंत्री जगमोहन सिंह रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप त्यागी, जिलाध्यक्ष पौड़ी डॉ० महावीर सिंह बिष्ट, प्रदेश मंत्री महावीर सिंह मेहता एवं सन्दीप सिंह रावत, सोशल मीडिया प्रभारी मोहित कुमार आदि उपस्थित रहे।
विशेष बात यह है कि मन्त्री ने कहा कि शैक्षिक उन्नयन और समस्याओं के समाधान की निरन्तरता के लिए शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी विभागीय अधिकारियों के साथ प्रत्येक माह बैठेंगे। स्वयं शिक्षा मंत्री हर तीसरे महीने संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठकर आवश्यक चर्चा किया करेंगे।