“विडंबना” हरीश रावत” और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य” खुद का वोट नहीं डाल पाएंगे,, क्यों नहीं डाल पाएंगे, क्या विडंबना है ?देखिए आगे

देहरादून। कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद का लालकुआ में वोट नहीं दे पाऐंगे। उनके साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य भी ठीक ऐसी ही परिस्थितियों से गुजर रहे हैं।
हरीश रावत ने चुनाव आयोग को पेश किए गए अपने शपथ पत्र में अपना निवास माजरा देहरादून दर्शाया है, यानी कि वे अपने मत का प्रयोग देहरादून में अपनी पसंद के प्रत्याशी को तो कर पाऐंगे लेकिन लालकुंआ में खुद को वोट नहीं दे पाऐंगे। कुमांउ की करीब आधा दर्जर प्रत्याशियों के साथ यह परिस्थितियां सामने आई हैं। इसी तरह यशपाल आर्य की विधानसभा सीट बाजपुर है जबकि मतदाता सूची में उनका नाम विधानसभा क्षेत्र कालाढूंगी है। वे भी खुद को वोट नहीं डाल पाएंगे। इसी तरह उनके बेटे संजीव आर्य सल्ट से मैदान में उतरे हैं जबकि मतदाता सूची में उनका नाम अपने पिता की ही तरह कालाढूंगी ही है।
अन्य नेताओं में रणजीत सिंह रावत, कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह पाल, बसपा प्रत्याशी नारायण पाल भी अपना वोट खुद को नहीं डाल पाऐंगे। उक्त सभी प्रत्याशी अपने उसी विधानसभा वोट में मतदान कर पायेंगे जहां उनका नाम मतदाता सूची में शामिल है।
सामान्यतः ऐसे प्रत्याशिया को राजनीति की भाषा में बाहरी प्रत्याशी माना जाता है लेकिन हरीश रावत एवं यशपाल आर्य कांग्रेस के प्रभावशाली नेता हैं। एक प्रकार से हरीश रावत इस समय उत्तराखंड कांग्रेस की राजनीतिक नाव के अकेले ही चालक हैं और वे अकेले अपने ही दम पर भाजपा से लोहा ले रहे हैं।

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