पिरान कलियर दरगाह के चारो तरफ मेला भूमि को लेकर वैसे तो वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड व गद्दी पर बैठे परिवार पर वर्षो से मुकद्दमे चलाते आ रहे है ओर भ्र्ष्टाचार के चलते हर जगह वक्फ बोर्ड को मुंह की खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।सूत्रों के अनुसार मेले वाली भूमि को लेकर वक्फ बोर्ड हाइकोर्ट में लगभग वर्ष 2006 के पहुंचा था ओर मालिकाना हक बोर्ड का बता रहा था, जिसपर हाइकोर्ट ने सुनवाई कर मामला गुणदोष के आधार पर चकबन्दी जिला बंदोबस्त न्यायालय में भेज दिया .बताया जा रहा है कि जिसको जिला बंदोबस्त अधिकारी ने सुनवाई कर वक्फ बोर्ड की आपत्ति को खारिज कर दिया था।सूत्रों के अनुसार वक्फ बोर्ड इस मामले को लेकर संचालक चकबन्दी/जिला अधिकारी हरिद्वार के न्यायालय लेकर निगरानी में पहुंचा था।जिसको सुनकर संचालक चकबन्दी/जिला अधिकारी हरिद्वार लगभग दो माह पूर्व निगरानी में आदेश सुरक्षित रख लिया था ।अब सूत्रों से ज्ञात यह हुआ है कि जिला अधिकारी महोदय के न्यायालय में भी वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड को मुंह की ही खानी पड़ी है ओर विपक्षी गद्दी धारी भी निगरानी खारिज होने की नकल प्राप्त कर चुके है।