रोजगार के अवसरों का सृजन सर्वोच्च प्राथमिकता : सीएम रावत

मंगलवार को सचिवालय में रोजगार सृजन से संबंधित बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने एमएसएमई, ग्राम्य विकास, ऊर्जा, पर्यटन, कैम्पा, पेयजल, लोक निर्माण, श्रम आदि विभागों की कार्य योजना की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अवसरों का सृजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उद्योग, कृषि, औद्यानिकी, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य, पर्यटन, वन, ऊर्जा आदि विभाग इस दिशा में लक्ष्य निर्धारित कर काम करें। स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को बैंकों से ऋण मिलने में परेशानी न हो। हर विभाग रोजगार सृजन के संबंध में कार्ययोजना बनाए।उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि सचिवालय स्तर पर पत्रावलियों का समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने शिकायतों के त्वरित अनुश्रवण एवं निस्तारण के लिये मुख्यमंत्री सचिवालय में एक क्विक एक्शन टीम के गठन के भी निर्देश दिये हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से रोजगार सृजन के संबंध में सुझाव भी प्राप्त किये।

कैंपा के माध्यम से रोजगार सृजन

मुख्यमंत्री ने कैंपा के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए समेकित कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके जरिये लगभग 40 हजार रोजगार सृजित किए जा सकते हैं। इसके लिए इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट प्लान तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर दो माह में कैंपा गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की जाए।

ग्रोथ सेंटर बनेंगे स्वरोजगार का आधार

लोकल के लिए वोकल की अवधारणा को साकार करने को स्थानीय उत्पादों एवं हस्त शिल्प को बढ़ावा देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। एक जिला, एक उत्पाद की प्रभावी कार्ययोजना बनाने के साथ ही एसएचजी के माध्यम से टेक होम राशन योजना को इसमें जोड़ा जाएगा।

प्रदेश के प्रवेश द्वारों पर सूचना पट

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आने वाले उद्यमियों, व्यापारियों, पर्यटकों एवं जन साधारण की जानकारी के लिए सूचना पट लगाए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार करने और राफ्टिंग एवं नौकायन शुरू करने के भी निर्देश दिए।

एमएसएमइ एवं मनरेगा से रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे उद्यमी छोटी योजनाओं के लिए मनरेगा के साथ एमएसएमइ का भी लाभ ले सकते हैं, जिसमें मुद्रा लोन के अलावा सब्सिडी की भी व्यवस्था रखी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत 50 दिन के अतिरिक्त रोजगार सृजन पर भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

शत प्रतिशत साक्षरता को कार्ययोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर को साक्षरता अभियान से भी जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए फिर से पूरा डाटा तैयार करने के प्रयास किए जाएं। ईच वन, टीच वन की व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। बैठक में पलायन आयोग के अध्यक्ष एसएस नेगी, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व मनीषा पंवार के अलावा विभागीय सचिव उपस्थित थे।

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