अक्सर देखा जाता है कि किसी भी चुनाव विशेष से पूर्व कुछ दलों के नेता, विधायक आदि अपने-अपने दलों के नेतृत्व परिवर्तन को अपनी महत्वाकांक्षा अनुरूप बदलने की फिराक में लगे रहते हैं इसी क्रम में आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कई नेता और विधायक दल बदल कर सकते हैं। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को लेकर अटकलें तेज हैं। लोक गायिका सोनिया आनंद रावत कांग्रेस का हाथ थाम चुकी है। सोनिया आनंद को रावत का भरोसेमंद माना जाता है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि रावत के पार्टी नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। वह लंबे वक्त तक पार्टी के सदस्य रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में रावत की पार्टी नेताओं से मुलाकात और चर्चा भी हुई हैं। रावत अभी दिल्ली में मौजूद हैं। तो क्या मतदान का समय निकट आने पर अपनी दावेदारी मुख्यमंत्री के रूप में प्रकट करने हेतु वे दिल्ली गए हैं ? यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में राजनीतिक समीकरण क्या होते हैं, इस बार का राजनीतिक समीकरणीय ऊंट किस करवट बैठेगा,,, वैसे यह बात भी जगजाहिर है कि राजनीति में ना लंबे समय तक कोई किसी का दोस्त नाम कोई किसी का दुश्मन।
राजनीति में अपना हाथ आजमाने वाला हर इंसान मौके पर चौका मारना चाहता है
पार्टी के कई नेता मानते हैं कि 2016 में तत्कालीन सरकार को गिराने में रावत ने अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए, उन्हें फिर से कांग्रेस में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, दूसरे नेता मानते हैं कि चुनाव में हर सीट अहम होती है। भविष्य को देखते हुए निर्णय लेने चाहिए।