मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘डिजिटल नवाचार से सुशासन की ओर’ के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी द्वारा निर्मित विभिन्न एप एवं पोर्टल का किया शुभारम्भ।

देहरादून 5 नवंबर। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ‘डिजिटल नवाचार से सुशासन की ओर’ के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी द्वारा निर्मित विभिन्न एप एवं पोर्टल का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न ग्राम प्रधानों को डिजिटल साक्षर बनाने की दिशा में कराये गये प्रशिक्षण के सर्टिफिकेट वितरित किए।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी द्वारा निर्मित *आई.एफ.एम.एस मोबाइल एप्लीकेशन , ई-पेंशन पोर्टल, सिंगल साइन ऑन (SSO), स्टेट पोर्टल (नवीनीकरण), स्टेट जी.ओ पोर्टल, डी.बी.टी पोर्टल, यू.के विजिटर पास एप, पसारा पोर्टल (PSARA), मुख्यमंत्री जन समर्पण (तहसील दिवस) पोर्टल, मुख्यमंत्री संदर्भ पोर्टल, पी.एम गतिशक्ति उत्तराखंड पोर्टल एवं अपुणी सरकार पोर्टल में अतिरिक्त सेवाओं का शुभारंभ किया।*

इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन वर्जन 2.0 , सीएम जन समर्पण (तहसील दिवस) पोर्टल, अपुणी सरकार पोर्टल, सीएम संदर्भ पोर्टल , यूके विजिटर एप, पी.एम गतिशक्ति उत्तराखंड पोर्टल, आई.टी.डी.ए CALC ट्रेनिंग, डीबीटी पोर्टल, सिंगल साइन ऑन (SSO), आई.एफ.एम.एस मोबाइल एप्लीकेशन , एवं ई-पेंशन पर आधारित लघु फिल्मों का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कार्यक्रम डिजिटल क्षेत्र में नवाचार का दिन है। आज आमजन को सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न सेवाओं का सरलीकरण कर उन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन सेवा के क्षेत्र में नित नए कार्य किया जा रहे है। हमारा राज्य डिजिटल के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे बढ़े इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में आज हमारा राज्य निरंतर आगे बड़ रहा है। डिजिटल दौर में अर्थव्यवस्था के साथ जीवन शैली में भी सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ई – गवर्नेंस की मदद से गुड गवर्नेंस और पेपरलेस गवर्नेंस की ओर बढ़ रही है। राज्य में टेक्निकल एजुकेशन एवं ऑनलाइन ट्रेनिंग से भी युवाओं को जोड़ने का कार्य जारी है। राज्य सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को डिजिटाइजेशन से जोड़कर विकास को आगे बढ़ा रही है। उत्तराखंड राज्य को डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में भी नेटवर्क कनेक्टिविटी पर तेजी से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने ई गवर्नेंस को प्रमोट करते हुए भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का काम किया है। सरकारी कार्यालय में ऑनलाइन प्रणाली लागू होने से भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट हुई है। राज्य के प्रत्येक नागरिक में सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि का भाव जगा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आम जन को घर बैठे सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले। उन्हें बेवजह सरकारी कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। आज भारत के प्रत्येक क्षेत्र में डिजिटल ट्रांजेक्शन पेमेंट की सुविधा मौजूद है। प्रधानमंत्री जी ने ई गवर्नेंस के माध्यम से गुड गवर्नेंस की राह, संपूर्ण देश को दिखाई है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश और उत्तराखंड राज्य निरंतर विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

सचिव श्री शैलेश बगौली ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के निर्देशों पर राज्य के अंतर्गत डिजिटाइजेशन को तीव्र गति के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। आम जन को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए अधिक से अधिक सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा 4G सैचुरेशन स्कीम के अंतर्गत उत्तराखंड में 500 से अधिक मोबाइल टावर लगाने का कार्य गतिमान है। 950 सरकारी सेवाओं को सेवा का अधिकार के अंतर्गत लिया गया है। जिसमें से 600 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद हैं।

सचिव श्री शैलेश बगौली ने कहा कि राज्य के अंदर डिजिटल रिकॉर्ड कीपिंग पर कार्य जारी है।स्टेट डाटा सेंटर को अपडेट किया गया है। सीएम हेल्पलाइन 1905 को नए और अत्यधिक टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। तहसील स्तर पर होने वाली शिकायतों के सलीकरण हेतु ई सिस्टम बनाया गया है।

इस दौरान कार्यक्रम में विधायक दुर्गेश्वर लाल, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव वित्त डॉ. वी. षणमुगम, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक यू कास्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटीडीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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