22 मई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को हिन्दू नेशनल इंटर कॉलेज लक्ष्मण चौक में आयोजित श्री राम कथा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने श्री राम कथा व्यास पद्म विभूषण जगत गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का अभिनन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज जी के मुखारबिन्द से राम कथा का वर्णन दार्शनिक है, अतुलनीय है तथा साक्षात प्रभु राम के आशीर्वाद के समान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है। उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है। यह हम सबका सौभाग्य है कि स्वामी जी के मुखारबिन्द से हमें श्री राम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है। तथा यह वर्तमान पीढ़ी का भी सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण की परंपरा से जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के माध्यम से दीन दुखियों, दिव्यांगों एवं विद्यार्थियों की सेवा करने के साथ शिक्षा प्रदान करने कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसके साथ इसे किया जाना चाहिए था। चाहे श्री राम मंदिर का निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ मंदिर का अविस्मरणीय पुनरुद्धार हो, केदारपुरी व बद्रीनाथ पुरी का पुनर्निर्माण व सौन्दर्यीकरण हो।प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत की अस्मिता के प्रतीकों व सांस्कृतिक धार्मिक- धरोहरों को जिस प्रकार से संरक्षित व संवर्धित किया जा रहा है उसकी शब्दों में व्याख्या संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। हमारा प्रदेश दो देशों की अन्तराष्ट्रीय सीमा से जुड़़ा है। गंगा, यमुना का उद्गम स्थल तथा धर्म, आध्यात्म तथा संस्कृति का केंद है। देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे इसके लिये राज्य में समान नागरिक संहिता हमारे राज्य की जरूरत थी। इसके लिये कमेटी का गठन किया गया, कमेटी द्वारा जून तक इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया जायेगा। इसके पश्चात राज्य में इसे लागू किया जायेगा। यह किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में लैंड जेहाद के रूप में हो रहे धार्मिक अतिक्रमण को समाप्त करने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में अवैध अतिक्रमण को किसी भी दशा में होने नहीं दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण पर अब हमने कड़ा कानून बनाया है। इसके अंतर्गत 10 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से हर नए कार्य की शुरुआत होती है और जो हमारे यहां शुरू होता है वो पूरे देश में जाता है। धर्मांतरण पर कानून समय की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड देश और दुनिया का नम्बर वन पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भी वैश्विक पटल पर पहचान बने। उन्होंने कहा कि इस बार कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड की झांकी मानसखण्ड को प्रथम पुरस्कार मिलना प्रदेश के साथ ही हमारी लोक संस्कृति का भी सम्मान है।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा आदि उपस्थित थे।